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क्राइम

पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड की SIT जांच, विदेशी पिस्टल से हुई हत्या

गौरी लंकेश की हत्या 0.32 बोर के विदेशी पिस्तौल से की गई है।

Sep 06, 2017 / 11:35 pm

Prashant Jha

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बेंगलुरु. वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश हत्या कांड की जांच स्पेशल इनविस्टिगेशन टीम (SIT) करेगी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दिरमैया ने एसआईटी टीम गठित की है। गौरतलब है कि वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की मंगलवार रात बेंगलुरू में उनके घर पर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी है। पुलिस को घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज से हत्यारों के बारे में अहम सुराग हाथ लगे हैं। उधर, गौरी के परिजन इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। पत्रकार लंकेश की हत्या के बाद देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन किया गया। बेंगलुरु के टाउन हाल में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के विरोध में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।
 तीन टीमें कर रही जांच

गौरी लंकेश की हत्या 0.32 बोर के विदेशी पिस्तौल से की गई है। अंत्यपरीक्षण रिपोर्ट और घटनास्थल से मिले खाली खोखों के आधार पर पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची है। पुलिस की तीन टीमें इस मामले की जांच कर रही है। 10 पुलिस निरीक्षकों के नेतृत्व में 100 पुलिस कर्मी हत्यारों तक पहुंचने के लिए जांच में जुटे हैं। अत्यंपरीक्षण रिपोर्ट के मुताबिक गोरी के शरीर में 0.32 बोर के पिस्तौल की गोलियों के जख्म मिले हैं।
मात्र 14 सेकेंड में वारदात को दिया अंजाम
अमरीका निर्मित इस पिस्तौल से एक मिनट में 64 गोलियां चलाई जा सकती है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक गौरी की हत्या को अंजाम देने में अपराधियों को सिर्फ 14 सेंकेड लगा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी गौरी हत्याकांड के तार तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पंसारे (दोनों महाराष्ट्र) और प्रो.एम. एम. कलबुर्गी (धारवाड़) की हत्या से जुडऩे के बारे में कहना मुश्किल है।
दो महीने से की गई थी रैकी
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वारदात को अंजाम देने के लिए अपराधियों ने करीब दो महीने से रैकी की थी। इससे पहले भी अपराधियों ने कई बार घर के पास ही गौरी को निशाना बनाने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें सही मौका नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कई बार गौरी को धमकी भी मिली लेकिन उन्होंने कभी शिकायत नहीं की।
हत्यारों के थे दो दल
पुलिस के मुताबिक वारदात को अंजाम देने के लिए साजिशकर्ताओं ने दो दल बनाए थे। एक दल को गौरी पर उनके अखबार के दफ्तर के बाहर ही हमला करना था लेकिन अधिक भीड़-भाड़ वाले उस इलाके में पकड़े जाने के डर से अपराधी वारदात को अंजाम नहीं दे पाए। दूसरे दल ने घर के पास मौका मिलने पर गौरी की हत्या कर दी।
नक्सलियों की भूमिका की भी जांच
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक नक्सलियों की भूमिका भी जांच की जाएगी। गौरी नक्सलियों को आत्मसपर्मण कराकर समाज की मुख्य धारा में लाने की मुहिम से जुड़ी थी जिससे नक्सलियों का एक धड़ा उनसे नाराज था।

सीएम ने भी देखे फुटेज
मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने भी गौरी के घर के दो सीसीटीवी कैमरों से लिए गए वारदात के फुटेज देखे।
तीन शहरों में दबिश, दो हिरासत में
अपराधियों की तलाश में पुलिस ने बुधवार को तीन शहरों-कोलार, तुमकूरु और चिकमगलूरु में दबिश दी। पुलिस ने चिकमगलूरु में दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इन दोनों ने गौरी के एक फेसबुक स्टेटस पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
आंखें दान की

आंखें दान की गौरी की इच्छा के मुताबिक परिजनों ने उनकी आंखें सरकारी मिंटो अस्पताल को दान कर दी।


सीबीआई जांच की मांग

गौरी लंकेश कन्नड़ टैबलॉयड ‘गौरी लंकेश पत्रिका’ का संपादन करती थीं। इसके अलावा कुछ दूसरे प्रकाशन की भी मालकिन थीं। इंद्रजीत लंकेश ने बहन के लिए कहा, ‘वह एक एक्टिविस्ट थीं और अपना काम कर रहीं थीं। जहां तक हमें पता है अभी तक उनकी जान को खतरा होने का कोई डर नहीं था।
गृहमंत्री राजनाथ ने मांगी रिपोर्ट, सीएम ने जताया दुख
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी गौरी लंकेश की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि वह मेरे से हाल में ही मिली थी, लेकिन उसने कभी किसी तरह की असुरक्षा के बारे में नहीं कहा। साथ ही उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गृह सचिव से पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में कर्नाटक सरकार से रिपोर्ट लेने के निर्देश दिए हैं।

राजनीति शुरू हुई
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शोक जताते हुए कहा कि सच कभी खामोश नहीं हो सकता, गौरी हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी। उन्होंने गौरी लंकेश की मौत का आरोप आरएसएस-बीजेपी पर लगाया है। उन्होंने कहा कि मैंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री से बता की है। इस मामले में जो भी दोषी हैं, उन्हें सजा जरूर मिलेगी। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि खास विचारधारा लोगों पर थोपी जा रही है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी मौसमी हिंदुत्व नेता हैं। गौरी लंकेश की हत्या पर पीएम मोदी चुप क्यों हैं?
गडकरी ने दिया राहुल को जवाब
राहुल को जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उनकी हत्या बेहद अफसोस जनक है और हमें इसका दुख है, लेकिन हमारे लोगों का और हमारी पार्टी का इसमें कोई हाथ नहीं है। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है और उनका काम है कि दोषी लोगों को पकड़े और उनका सजा दें। कई बार हमारे लोगों की भी हत्या होती है और कई बार हमारे विरोधी लोगों की भी, लेकिन बिना किसी जांच के राहुल गांधी ने जिस तरह से यह आरोप लगाए हैं, वह एकदम बेबुनियाद और झूठे हैं। प्रधानमंत्री इस समय विदेश में है और जरूरी नहीं है कि वह हर बात पर बयान दें, इसलिए प्रधानमंत्री को इससे जोडऩा एकदम गलत है। कर्नाटक सरकार को दोषियों को पकड़ कर सजा दिलानी चाहिए।

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