जम्मू कश्मीर के कठुआ में एक तहसील है हीरानगर। यहां से रसाना गांव जंगलों से घिरा हुआ है। 10 जनवरी की दोपहर लगभग 12:30 बजे आठ साल की बच्ची जंगल में घोड़े के लिए चारा लेने गई थी, जिसके बाद वह नहीं लौटी। लड़की के पिता ने उसे खोजा लेकिन वो मिली नहीं, जिसके बाद उन्होंने 12 जनवरी को हीरानगर थाने में केस दर्ज कराया लेकिन पुलिस वालों ने शिकायत पर कोई खास ध्यान नहीं दिया।
आखिरकार एक हफ्ते बाद 17 जनवरी, 2018 को जंगल में आठ साल की एक बच्ची की लाश मिली। पुलिस ने शव की शिनाख्त कराई तो बदकिस्मती से वो वही निकली। पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि बच्ची के साथ कई दिनों तक रेप नहीं बल्कि गैंगरेप किया गया है। उसे भूख से तड़पाया जा रहा था। नींद की गोलियां दी गई थी। रेप के बाद उसे मौत के घाट उतारने के लिए उसका गला उसी के दुपट्टे से घोंटा गया था। उसकी पहचान न सके इसलिए उसके सिर को भारी पत्थर से कुचल दिया गया था। पोस्टमार्टम में ये भी पता चला है कि जिस दिन आसिफा की लाश जंगल में मिली, उससे 72 घंटे पहले ही उसे फेंक दिया गया था।
पुलिस की चार्जशीट में एक पुलिसकर्मी की सबसे शर्मसार करने वाली करतूत सामने आई है। इसमें कहा गया है कि लड़की से गैंगरेप के बाद उसकी हत्या करने की तैयारी की जा रही थी, इस बीच आरोपियों ने अपने एक पुलिस साथी को फोन किया और घटना की जानकारी दी। स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) दीपक खजूरिया ने कहा कि अगर बच्ची की हत्या ही करनी है तो मुझे भी रेप कर लेने दो। इसके बाद वहशी पुलिसकर्मी आनन फानन में कठुआ पहुंचा और उसके साथ मिलकर एकबार फिर सभी दरिंदों ने आठ साल की मासूम के साथ हैवानियत को अंजाम दिया।
पुलिस के मुताबिक 11 जनवरी को नाबालिग आरोपी ने एक अन्य आरोपी विशाल जंगोत्रा को लड़की के अपहरण के बारे में जानकारी दी। फोन कर उसने कहा कि अगर वह प्यास बुझाना चाहता है तो मेरठ से जल्दी आ जाए 12 जनवरी को विशाल रासना गांव पहुंचा। आरोपियों ने आसिफा को एक मंदिर में बंधक बनाकर रखा था। आरोपियों ने उसे नशे की टेबलेट दी। फिर कई बार रेप किया गया। बलात्कार के बाद आरोपियों ने पत्थरों से वार कर आसिफा का सिर कुचला और गला घोंटकर हत्या करने के बाद लाश को जंगल में फेंक दिया।
यह खुलासा पुलिस द्वारा पेश की गई चार्जशीट में हुआ है। 9 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने केस के आठ आरोपियों के खिलाफ 18 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट में आरोपियों की बच्ची से की गई निर्ममता रोंगटे खड़े करने वाली है। पहले तो यह मामला पुलिस ने एक नाबालिग को पकड़कर खत्म कर दिया था। लेकिन बाद में जब मामले ने तूल पकड़ा तो जांच जम्मू कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंपी गयी। गिरफ्तार आरोपियों में से सब-इंस्पेक्टर आनंद दत्ता पर आरोप है कि उसने पीड़िता द्वारा पहने गए कपड़े को अपराध शाखा को सुपुर्द करने से पहले धोया था। इसके अलावा पहले जांच अधिकारी होने के नाते उसने कई सबूत भी नष्ट किए।
इस मामले में कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिसमें एक नाबालिग भी शामिल है। गिरफ्तार होने वाले लोगों में मुख्य आरोपी पूर्व राजस्व अधिकारी और देवी स्थान का सेवादार सांजी राम, स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) दीपक खजूरिया, पुलिस ऑफिसर सुरेंद्र कुमार, रसाना गांव का परवेश कुमार, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, हेड कांस्टेबल तिलक राज, पूर्व राजस्व अधिकारी का बेटा विशाल और उसका चचेरा भाई।
इस मामले में शर्मनाक बात ये है कि जम्मू में दो समुदायों के बीच तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। मामले को लेकर अब राजनीतिक रंग भी चढ़ने लगा है। स्थानीय बार एसोसिएशन ने आश्चर्यजनक रूप से आरोपियों के पक्ष में प्रदर्शन कर रहा है।