पिछले एक साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 495 मामले स्किमिंग से जुड़े हैं, जिसमे से कुल 15 स्किमर ही बरामद किए गए हैं। लगातार जागरूकता के बावजूद लोगों की लापरवाही सेधोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं, और अक्सर ये चीज सामने आई है कि जिन एटीएम बूथ पर सीसीटीवी कैमरे व गार्ड नहीं हैं, वहां ठगी की घटनाएं अधिक होती हैं।
क्या होती है एटीएम स्किमिंग? एटीएम स्किमिंग का तरीका काफी चलन में है, इसमें अपराधी एटीएम मशीन में कार्ड डालने वाली जगह पर हरे रंग का मशीन से मिलता जुलता स्किमर नाम का डिवाइस लगाते हैं और एटीएम के की-बोर्ड के ठीक ऊपर एक छोटा कैमरा फिट कर देते हैं।
जब कोई व्यक्ति मशीन में कार्ड डालकर पासवर्ड फीड करता है तो स्किमर कार्ड की मैग्नेटिक टेप को क्लोन कर लेता है और कैमरे में पासवर्ड आ जाता है, और फिर आसानी से खाताधारक के एटीएम बूथ छोड़ते ही अपराधी कार्ड क्लोन करके रुपये निकाल लेते हैं।
ऐसे करते हैं ठगी: कैश चैंबर पर लगा देते हैं टेपसाइबर ठग एटीएम मशीन में कैश चैंबर पर कई बार टेप लगा देते हैं। ऐसे में जब कार्ड धारक मशीन में कार्ड लगाकर रुपये निकालता है तो उनके खाते से रुपया कट जाता है और मशीन नोट गिनकर उसे कैश चैंबर तक भी पहुंचा देती है, लेकिन टेप लगा होने के कारण चैंबर से पैसा बाहर नहीं निकल पाता। ग्राहक सोचता है कि मशीन में तकनीकी खामी है। ग्राहक के जाते ही ठग टेप हटाकर पैसा निकाल लेते हैं।
जागरूक रहें, नहीं होंगे ठगी के शिकार – एटीएम बूथ में कार्ड डालने से पहले देखें कि कोई हरे रंग की डिवाइस तो नहीं है – यदि एटीएम कार्ड गुम या चोरी हो जाए तो कस्टमर केयर पर फोन कर तत्काल सेवाएं बंद कराएं
– की-बोर्ड के ठीक ऊपर कैमरा या डुप्लीकेट की बोर्ड दिखे तो सतर्क हो जाएं। – एटीएम और क्रेडिट कार्ड की जानकारी किसी से साझा न करें – पासवर्ड अल्टीमेट फारमेट में बनाएं, स्पेशल कैरेक्टर शामिल करें।
– किसी दूसरे व्यक्ति के सामने पैसा न निकालें, दूसरे की मदद न लें। – खाते से पैसा कटे और मशीन से न निकले तो कैश चैंबर को चेक करें, टेप दिखे तो बूथ छोड़े बिना बैंक से संपर्क करें।
– एटीएम से लेनदेन पूरा होने के बाद मशीन में कैंसिल का बटन अवश्य दबा दें यह भी पढ़ें: एटीएम कार्ड क्लोन कर शातिर उड़ा रहे खाते से सारी रकम, आप भी रहें सावधान