डीसीपी ने बताया कि नाशा का दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में मेडिकल स्टोर था। दरअसल कोरोना के इलाज के लिए अभी वैक्सीन बनी नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार ने कुछ दवाओं और इंजेक्शन को आपात स्थितियों में डॉक्टरों की सिफारिश पर इस्तेमाल की इजाजत दी है। टोसिलिजुमैब ( Tocilzumab ) इंजेक्शन इनमें से एक है।
जांच अधिकारी नंदकुमार गोपाले के मुताबिक टोसिलिजुमैब इंजेक्शन स्विट्जरलैंड में बनते हैं। भारत में इसे सिपला दवा कंपनी के जरिए बेचा जाता है। ऐसे हुआ खुलासा
अगस्त में जब्त इंजेक्शन को जब हमने सिपला कंपनी के पास चेकिंग के लिए भेजा, तो वहां से इसके सैंपल्स स्विट्जरलैंड भेजे गए। वहां से पुष्टि हुई कि ये इंजेक्शन नकली हैं।
गोपाले ने बताया कि इन इंजेक्शनों के ब्लैक में बेचने के कई मामले आए, लेकिन नकली तरीके से बनाने और पकड़े जाने का यह देश का पहला मामला है। मास्क को लेकर सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन, जानें अब क्या होगा बदलाव
आजम नसीर खान कोरोना के इलाज के नाम पर बन रहे 40 हजार रुपए के इस नकली इंजेक्शन को 1 लाख रुपए में बेच रहा था। आजम ने तब बताया था कि यह इंजेक्शन स्विट्जरलैंड से भारत में किसी बड़ी दवा कंपनी द्वारा मंगाया जाता है और फिर डिस्ट्रिब्यूटर्स को भेजा जाता है।