जिलेटिन की छडें और डेटोनेटर बरामद सीमा पर शनिवार को जिलेटिन (बारूद) की छडें व डेटोनेटर बरामद हुए हैं। अशोक कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने माना कि उत्तराखंड-नेपाल सीमा पर जिलेटिन की छडें पाई गईं हैं।वे कहते हैं कि अंतराष्ट्रीय मामला होने के चलते नेपाल से जो भी आग्रह आएगा वे मिनिस्टरी ऑफ एक्टरनल अफेयर्स के माध्यम से केंद्र और फिर राज्य सरकार के मार्फत पुलिस तक आएगा। फिलहाल हम हर तरह से सतर्क मोड में हैं। जो सुरक्षा एजेंसियों के अपने स्तर से करना चाहिए, वह किया जा रहा है।
नेपाल में चल रही वोटिंग जानकारों के मुताबिक चूंकि उत्तराखंड के तराई में माओवादी सक्रिय रहे हैं। इनके नेपाल के माओवादियों से कनेक्शन जगजाहिर है। ऐसे में इस तरह की घटनाएं नए खतरे को जन्मने की ओर संकेत कर रहीं है। पूछताछ के आधार पर नेपाल पुलिस ने आशंका जताई है कि बम धमाकों के पीछे नेपाल चुनाव का बहिष्कार करने वाले माओवादी नेता नेत्र विक्रम चंद्र की नेपाल कम्यूनिस्ट पार्टी (विप्लव गुट) का हाथ हो सकता है। नेपाल में पहले चरण में मतदान 26 नवंबर को हो चुके हैं व अगले चरण में 7 दिसंबर को वोटिंग होगी।
चुनावी रैली में हुए थे कई विस्फोट पता चला है कि नेपाल पुलिस, विप्लव गुट के उत्तराखंड कनेक्शन की आशंका जता रही हैं और उसने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की मदद भी मांगी है। इस तथ्य के बारे में वरिष्ट अधिकारी खुलकर नहीं बोलते। ऑफ द रिकॉर्ड जरूर इन तथ्यों पर हामी भरते हैं। गौरतलब है कि नवंबर 29 को नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की डांग में हो रही चुनाव रैली के पास बम धमाके में कई लोग हताहत हुए थे। इसके बाद चार दिसंबर को धनगढ़ी में नेपाली पीएम जिस होटल में रूके थे उसके कुछ दूर बम पाया गया। जिसे नेपाल आर्मी ने समय रहते डिफ्यूज कर दिया। यह दोनों इलाके यूपी बार्डर के समीप हैं। यूपी से सटे नेपाल के कई इलाकों में बम धमाके हुए हैं। इसको लेकर यूपी पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस से कुछ इनपुट शेयर किए। इसके बाद उत्तराखंड पुलिस चौकस हो गई। माना जा रहा है कि इसके बाद ही विस्फोटकों की बरामदगी हो सकी है। यह सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है।