हस्तिनापुर में गंगा किनारे साधु वेश में रहता था तांत्रिक
मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि लापता हेड कांस्टेबल गोपीचंद की हत्या हस्तिनापुर में गंगा किनारे विदुर धाम आश्रम पर साधु वेश में रहने वाले तांत्रिक गणेशानंद ने की। कांस्टेबल गोपीचंद 26 मार्च से लापता चल रहे थे। जिसके बाद उनके परिजनों ने पुलिस को सूचना दी थी। पुलिस ने लोकेशन और कॉल डिटेल निकालते हुए तांत्रिक गणेशानंद को गिरफ्तार किया है।
6 लाख रुपए दबाने के लिए की कांस्टेबल की हत्या
गोपीचंद की हत्या का खुलासा करते हुए सरधना पुलिस ने बताया कि आरोपी तांत्रिक गणेशानंद फतेहपुर के सिमौर थानाक्षेत्र के हुसैनगंज गांव का रहने वाला है। उसने हेडकांस्टेबल को भरोसा दिलाया कि तंत्रक्रिया से उसकी पत्नी की हत्या कर देगा।
इसके लिए तांत्रिक गोपीचंद से किस्तों में साढ़े चार लाख की रकम वसूल चुका था। 26 मार्च को भी गोपीचंद डेढ़ लाख रुपए नकद लेकर उसे देने आया था। इसी दौरान तांत्रिक ने उसकी हत्या कर दी।
पत्नी की हत्या के लिए तांत्रिक से मिला था कांस्टेबल
पुलिस की पूछताछ में तांत्रिक ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि गोपीचंद ने पत्नी की तंत्र क्रिया से हत्या कराने के लिए साढ़े चार लाख की रकम दे चुका था। हत्या वाले दिन भी डेढ़ लाख की रकम लेकर गया था। गोपीचंद रकम वापस नहीं मांग ले। इसलिए हत्या करने के बाद शव को गंगा में फेंक दिया था। पुलिस ने आलाकत्ल दांव, बाइक तथा खून से सना कुर्ता बरामद कर लिया है।
पैसे न लौटाना पड़े, इसलिए कर दी हत्या
गणेशानंद के मुताबिक, वह तंत्र क्रिया से गोपीचंद की पत्नी की हत्या नहीं कर सकता है। उसे डेढ़ लाख रुपये की जरूरत थी। इसलिए उसने पहले मुर्गे की बलि दी। उसके बाद गोपीचंद की गर्दन काटकर हत्या कर दी। शव को गंगा में फेंक दिया। साथ ही बाइक को भी गंगा के किनारे में डाल दिया गया। गणेशानंद का कहना है कि यदि गोपीचंद की हत्या नहीं करता तो वह पहले दी गई साढ़े चार लाख की रकम वापस मांगता। साथ ही डेढ़ लाख की नकदी भी नहीं देता।
जिस दाव से दी मुर्गे की बलि उससे गोपीचंद की गर्दन काटी
पुलिस ने बताया कि तांत्रिक के कहने पर गोपीचंद उसके आश्रम पर मुर्गा लेकर पहुंचा था। जब आरोपी श्मशान घाट में तंत्रमंत्र कर क्रिया कर रहा था। उस समय गोपीचंद लेटा हुआ था। तभी मुर्गे की बलि देने के बाद उस पर वार कर हत्या कर दी। फिर श्मशान को बूढ़ी गंगा में बहा दिया। गोपीचंद के मोबाइल सीडीआर से पुलिस हस्तिनापुर में गंगा के किनारे तक पहुंची थी।