क्राइम

दिल्ली बुराड़ी केसः एक साल बाद भी याद कर सिहर उठते हैं लोग, 11 लोगों ने एक साथ लगाया था मौत को गले

Delhi Burari Case 1 जुलाई 2018 को हिल गया था पूरा देश
दिल्ली के बुराड़ी में भाटिया परिवार के 11 सदस्यों ने मौत को लगाया था गले

Jul 01, 2019 / 03:28 pm

धीरज शर्मा

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली का बुराड़ी ( delhi Burai Case ) इलाका जिसने ठीक एक साल पहले पूरे देश को हिला कर रख दिया। संत नगर के 137 नंबर मकान में रहने वाले भाटिया परिवार ( bhatia family ) के सभी 11 सदस्यों ने एक साथ मौत को गले लगा लिया। इस मौत के पीछे छिपा था उनका ऐसा विश्वास जिसे समझना काफी मुश्किल है।
11 लोगों की सामूहिक खुदकुशी ने पुलिस के साथ सीबीआई तक के पसीने छुड़ा दिए, लेकिन एक साल बाद भी इस मौतों से पर्दा नहीं उठ पाया है। एक साल बाद भी कई सवाल अन सुलझे रह गए हैं।
1 जुलाई के दिन बुराड़ी कांड की पहली बरसी है। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक चंडावत परिवार के 11 लोग एक कर्मकांड करते हुए अपनी जान गंवा बैठे थे। ये एक ऐसी घटना बन चुका है जिसका रहस्य अब भी लोगों के बीच बरकरार है।
कई लोगों के लिए पुलिस की इस थ्योरी पर विश्वास कर पाना काफी मुश्किल हो रहा है कि परिवार के 10 लोगों ने ललित के कहने पर सामूहिक आत्महत्या कर ली और 11वां शख्स वह खुद था।
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संत नगर की गली नंबर दो…वहीं गली है जहां भाटिया परिवार हंसी खुशी रह रहा था। आस पड़ोस के लोगों की माने तो उनके लिए ये यकीन कर पाना काफी मुश्किल था कि उनके आस-पास ऐसा परिवार रह रहा जो एक दिन एक साथ मौत को गले लगा लेगा।
 

Delhi burari
मार्च से लिखी जा रही थी मौत की स्क्रिप्ट
10 मार्च : घर से मिली डायरी में वध तपस्या का मिला जिक्र
17 जून : परिवार के सदस्य प्रियंका भाटिया का जिक्र, दिलाएगी मोक्ष
24 जून : मौत के अनुष्ठान को लेकर घर में शुरू हुई थी तैयारियां
30 जून : रात को अनुष्ठान से पहले डायरी में हुई आखिरी एंट्री
30 जून : रात 10 बजे सविता भाटिया और उसकी बेटी नीतू घर में स्टूल आईं, सीसीटीवी में दिखा
30 जून : रात 10.15 पर ध्रुव और शिवम रस्सियां लेकर घर में घुसते हैं
30 जून : करीब 11 बजे डिलीवर बॉय 20 रोटियां देकर गया
30 जून : इसी बीच भवनेश अपने कुत्ते टॉमी के साथ बाहर निकला
30 जूनः करीब 40 मिनट बाद भवनेश वापस लौटा
1 जुलाईः 12 बजे बाद से अनुष्ठान शुरू हुआ, 3 बजे तक चला
1 जुलाईः सुबह 7 बजे पड़ोसी गुरचरण ने फंदे पर लटकी लाशें देखीं और बाहर सबको बताया
1 जुलाईः सुबह 7.45 पर पुलिस पहुंची और जांच शुरू हुई
2 जुलाईः परिवार के 9 सदस्यों का अंतिम संस्कार
3 जुलाईः क्राइम ब्रांच ने घर की तलाशी ली। घर से 9 डायरियां बरामद कीं।
4 जुलाई : सीसीटीवी फुटेज की जांच में स्टूल, तार, काली पट्टी लेकर जाते दिखाई दिए
5 जुलाईः क्राइम ब्रांच ने रिपोर्ट बनाकर पुलिस कमिश्नर को सौंपी। रिपोर्ट में परिवार के खुदकुशी की बात। विसरा जांच और हैंड राइटिंग की जांच
burari
बुराड़ी कांड से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
– 10 दिन में 200 लोगों से हुई पूछताछ लेकिन बेनतीजा
– डायरी में लिखा था हो सकता है अगली दिवाली ना देख सकें
– भाटिया परिवार का बेटा ललित, यूट्यूब पर देखता था हॉरर शो
– 11 में से 9 सदस्यों को हरिद्वार में हुआ अस्थी विजर्सजन
– ललित से सहमत नहीं था भूपेंद्र, खुद बचाने की कोशिश भी की
– डायरी में एक भटकती आत्मा का जिक्र है
– पिता की आत्मा से मिलने के बाद परिवार को लौटने का था यकीन
– 11 नवंबर 17 को डायरी में ललित ने लिखा कुछ हांसिल करने में गलती हुई
 

burari pipe
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पाइप देखने के लिए आते हैं लोग
भाटिया परिवार के घर को लेकर लोगों में डर का माहौल बन गया। दिल्ली और आस-पास के इलाके के लोग इस उन पाइपों को देखने पहुंचते जिसका इस्तेमाल परिवार के सदस्यों ने फांसी पर लटकने के लिए किया था। बहरहाल हादसे के तीन महीने बाद ललित के बड़े भाई दिनेश और उनकी बहन सुजाता ने इस मकान में रहना शुरू किया। चार-पांच दिन बाद इन्होंने हवन और पूजा करवाई। फिलहाल अक्टूबर से 2018 को इस मकान में दो कारपेंटर का काम करने वाले अहमद और अफसर रह रहे हैं।

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