France-Italy से सबक ले सरकार, School खोलने के फैसले पर करे पुनर्विचार एक माह पहले हुई घटना पुलिस ने कहा कि यह घटना करीब एक महीने पहले बोर्डिंग स्कूल के हॉस्टल ( School Hostel ) में हुई थी जहां पीड़ित फंसा हुआ था क्योंकि उसके माता-पिता लॉकडाउन के कारण उसे उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) स्थित उसके वापस ले जाने के लिए नहीं आ सके थे। स्कूल में एकमात्र यही छात्र बचा था।
पुलिस ने कहा कि यह घटना शनिवार को सामने आई जब वे (अभिभावक) आखिरकार अपने बेटे को लेने के लिए स्कूल पहुंचे और लड़के के माता-पिता ने शाम को शिकायत दर्ज कराई। इरडा ने पेश किया 50 हजार से 5 लाख तक कोरोना बीमा, कमरे की डेली लिमिट 5000 रुपये और भी बहुत कुछ
हॉस्टल में अकेला बचा था बच्चा रायपुर पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर एसके रावत ने कहा, “शनिवार को लड़के के माता-पिता ने शिकायत दर्ज कराई कि उसका बेटा लॉकडाउन के कारण हॉस्टल में अकेला फंस गया था। लॉकडाउन में हाल ही में ढील दिए जाने के बाद जब वे उसे अपने साथ लेने के लिए स्कूल पहुंचे, तो स्कूल के कर्मचारी शुरुआत में उसे ( बच्चे को ) उनके साथ ले जाने में संकोच कर रहे थे। हालांकि जब उन्होंने सख्ती से कहा तो उन्होंने लड़के को जाने दिया।”
कमरे की सफाई करवाता था रावत ने आगे कहा, “उस वक्त लड़के ने अपना आपबीती सुनाई कि आरोपी हॉस्टल वार्डन हरीश कुमार अक्सर उसके साथ मारपीट करता था और उसे अपना कमरा साफ करने के लिए मजबूर करता था। उसने उसका यौन उत्पीड़न भी किया। यह सुनकर हैरान माता-पिता तुरंत पुलिस स्टेशन पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई।”
निजी अस्पतालों में कोरोना मरीज के इलाज की सीमा पर सुप्रीम कोर्ट ने किया केंद्र से जवाब तलब मामला दर्ज पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिकायत के बाद कुमार के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज किया गया। रावत ने कहा, “उसके खिलाफ PoCSO अधिनियम की धारा 9/10 और आईपीसी की धारा 321 और 323 के तहत के तहत बुक किया गया। उसे स्कूल परिसर से तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस उसे कल एक अदालत में पेश करेगी।”