एक बड़े ड्रग सप्लायर की गिरफ्तारी जल्द
मई के नासिक में दाऊद की भांजी के निकाह का रिसेप्शन था। उसमें राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन सहित कई पुलिस वाले भी शामिल हुए थे। इस पर तब काफी बवाल मचा था। कासकर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को बिहार के कुछ
शूटरों के उससे संपर्क होने का पता चला है। ठाणे पुलिस की एक टीम उनकी धरपकड़ के लिए बिहार गई है। पुलिस जल्द ही एक बड़े ड्रग सप्लायर को भी पकड़ सकती है। इकबाल के खिलाफ ठाणे पुलिस में अभी तक दो मामले दर्ज हुए हैं। डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे के अनुसार, उसके खिलाफ जल्द ही और मामले भी दर्ज हो सकते हैं।
मई के नासिक में दाऊद की भांजी के निकाह का रिसेप्शन था। उसमें राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन सहित कई पुलिस वाले भी शामिल हुए थे। इस पर तब काफी बवाल मचा था। कासकर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को बिहार के कुछ
शूटरों के उससे संपर्क होने का पता चला है। ठाणे पुलिस की एक टीम उनकी धरपकड़ के लिए बिहार गई है। पुलिस जल्द ही एक बड़े ड्रग सप्लायर को भी पकड़ सकती है। इकबाल के खिलाफ ठाणे पुलिस में अभी तक दो मामले दर्ज हुए हैं। डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे के अनुसार, उसके खिलाफ जल्द ही और मामले भी दर्ज हो सकते हैं।
कई बड़ी हस्तियों से जुड़े हैं इकबाल के तार
आपको बता दें कि इकबाल कासकर 2013 से ही एक्टॉर्शन का धंधा चला रहा है। साथ ही उसके इस धंधे में कुछ कॉर्पोटर समेत कई बड़े नेताओं का नाम भी शामिल है। गौरतलब है कि उसके इस धंधे में कई लोगों के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का कहना है कि उसके इस धंधे में दाऊद इब्राहिम के शामिल होने की जांच की जा रही है। बिल्डर समेत कुछ नेताओं से भी पुलिस पूछताछ कर सकती है। सूत्रों से पता चला है कि बिल्डर और नेता मिलकर इकबाल कासकर को सामने वाले बिल्डर का नंबर उपलब्ध कराते थे। फिर सभी की मिलीभगत से कासकर बिल्डर्स से एक्सटॉरशन मनी वसूलता था।
आपको बता दें कि इकबाल कासकर 2013 से ही एक्टॉर्शन का धंधा चला रहा है। साथ ही उसके इस धंधे में कुछ कॉर्पोटर समेत कई बड़े नेताओं का नाम भी शामिल है। गौरतलब है कि उसके इस धंधे में कई लोगों के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का कहना है कि उसके इस धंधे में दाऊद इब्राहिम के शामिल होने की जांच की जा रही है। बिल्डर समेत कुछ नेताओं से भी पुलिस पूछताछ कर सकती है। सूत्रों से पता चला है कि बिल्डर और नेता मिलकर इकबाल कासकर को सामने वाले बिल्डर का नंबर उपलब्ध कराते थे। फिर सभी की मिलीभगत से कासकर बिल्डर्स से एक्सटॉरशन मनी वसूलता था।