वहीं बुधवार की रात रेलवे कर्मचारी के स्थानान्तरण के बाद कार्यमुक्त करने के नाम पर घूस लेते रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर संजय कुमार को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई के ताबड़तोड़ ऐक्शन से हड़कंप मच गया है।
रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर की गिरफ्तारी देवरिया जिले के सलेमपुर रेलवे स्टेशन स्थित उनके आवास से हुई। वहीं महाराजगंज से पकड़े गए एसडीआई को बुधवार को कोर्ट से जेल भेज दिया गया। एसडीआई के खिलाफ कार्रवाई गोरखपुर की चाणक्यपुरी कॉलोनी में रहने वाले डाक सहायक मनोज कुमार विश्वकर्मा की शिकायत पर की गई थी। बृजमनगंज उप डाकघर में तैनात डाक सहायक मनोज कुमार विश्वकर्मा ने सीबीआई से शिकायत की थी कि वह आनंदनगर उप डाकघर में तैनात थे, जहां से उन्हें बृजमनगंज उप डाकघर में स्थानान्तरित किया गया था। वह निजी कारणों से वापस आनंदनगर तैनाती चाहते थे। इसके लिए एसडीआई आलोक चौधरी 40 हजार रुपये रिश्वत मांग रहे हैं। मंगलवार को सीबीआई ने चौधरी को घूस लेते दबोचा था।
वहीं, अपने आवास पर ट्रैक मैन से घूस लेते पकड़े गए सीनियर सेक्शन इंजीनियर संजय कुमार को लेकर सीबीआई टीम लखनऊ रवाना हो गई। सलेमपुर में तैनात रेल ट्रैकमैन चंद्रकेश का स्थानान्तरण हो गया है, लेकिन सीनियर सेक्शन इंजीनियर संजय कुमार कार्यमुक्त नहीं कर रहा था। साथ ही कार्य मुक्त करने के लिए 50 हजार रुपये की मांग कर रहा था। कई बार चंद्रकेश गिड़गिड़ाया भी, लेकिन संजय पर इसका असर नहीं पड़ा। परेशान चंद्रकेश ने इसकी शिकायत सीबीआई की लखनऊ शाखा में कर दी। इसके बाद सीबीआई के डिप्टी एसपी लखनऊ विपिन कुमार सिंह के निर्देश पर कार्रवाई शुरू हुई। बुधवार की रात सीबीआइ की टीम सलेमपुर पहुंची।
चंद्रकेश को सीबीआइ टीम के सदस्यों ने सीनियर सेक्शन इंजीनियर के घर भेजा। जैसे से ही चंद्रकेश ने संजय को 20 हजार रुपये एडवांस दिया, टीम ने तत्काल रंगे हाथ आरोपित को पकड़ लिया। टीम के पकड़ने के बाद खलबली मच गई। टीम तत्काल संजय को लेकर गोरखपुर के लिए रवाना हो गई।
तीन महीने पहले सीबीआई ने तरकुलवा के कंचनपुर स्थित बैंक में छापेमारी की और एक कर्मचारी को ऋण देने के नाम पर रुपया लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके अलावा सीबीआइ भटनी में भी इस तरह की कार्रवाई बैंक में कर चुकी है।