ग्वालियर। सेना भर्ती से लौट रहे मुरैना के लड़कों ने सोमवार को चंबल एक्सप्रेस के अंदर जमकर हंगामा किया। उन्होंने महिलाओं के सामने कपड़े उतार दिए और आपत्तिजनक स्थिति में आ गए। हैरत की बात यह है कि लोगों का आरोप है कि इस सब के दौरान जीआरपी के जवान वहीं मौजूद थे लेकिन वह खड़े तमाशा देखते रहे। घटना के 24 घंटे बाद भी डीआरएम, रेलवे पुलिस और सेना ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। रेलवे ने इस मसले पर कहा है कि, “कल की घटना में रेलवे की कोई जिम्मेदारी नहीं है। कल जो हुआ, वो लॉ एंड आर्डर का मामला है। सेना ने हमसे अतिरिक्त कोच और दूसरी व्यवस्था के लिए कहा था। हमने पूर्व सूचना के मुताबिक सारे इंतजाम कर लिए थे। रेल के अंदर यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे पुलिस जिम्मेदार होती है।” वहीं रेलवे पुलिस ने इस बारे में जवाब दिया है कि, “मामला हालांकि हमारे क्षेत्राधिकार से बाहर हरपालपुर उत्तरप्रदेश का है लेकिन आप कह रहे हैं तो मैं मान लेता हूं। हेल्प लाइन पर जैसे ही सूचना मिली, केंद्र सरकार के रेलवे सुरक्षा बल का स्टाफ स्टेशन पर पहुँच गया था। 8 लोगों को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। यह कहना गलत है कि अंदर जो रेलवे पुलिस के जवान थे, वे कुछ नहीं कर रहे थे।” पुलिस ने कहा कि, “हमको आशंका थी कि हंगामा होगा क्यूंकि अक्सर सेना की भर्ती के दौरान ट्रेन में होता है इसलिए 8 जनवरी को ही रेलवे को पत्र लिखकर आशंका जताते हुए, सभी इंतजाम करने के लिए कहा गया था । रेलवे के पास पर्याप्त समय था। इतने दिन में इतजाम कर लेना चाहिए थे।”