आपको बता दें कि अस्पताल प्रशासन पर लगातार कार्रवाई का दबाव था, जिसके चलते रविवार की शाम को ये फैसला लिया गया। फिलाहल इस मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की जांच भी जारी है और ये कयास लगाए जा रहे हैं कि जांच में अन्य लोगों के दोषी पाए जाने पर और भी ऐसी कार्रवाई होगी।
अस्पताल प्रशासन ने अपने एक बयान में बताया कि जुड़वां बच्चों के इस केस को हैंडल करने वाले डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया है। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि यह एक्शन हमने अपने एक्सपर्ट ग्रुप के साथ की गई आंतरिक चर्चा के बाद लिया है।
आपको बता दें कि इससे पहले शनिवार को बच्चे के पिता आशीष ने एफआईआर में चौंकाने वाला खुलासा किया था। आशीष ने एफआईआर में कहा था कि जुड़वां बच्चों के जन्म के बाद उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था। इसलिए नवजात बच्चों को नर्सरी में रखा जाना था। इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने हमसे 50 लाख रुपए की डिमांड की थी।
आपको बता दें कि ये मामला बीते 30 नवंबर का है, जब मैक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने जुड़वा बच्चों को डिलिवरी के बाद बाद मृत घोषित कर दिया था। हालांकि इनमें से एक बच्ची की तो तभी मौत हो गई थी, लेकिन दूसरे जीवित बच्चे को डॉक्टर्स ने मृत बातकर उनके घरवालों को दे दिया था, लेकिन जब परिजन बच्चों की डेड बॉडी लेकर लौट रहे थे तो उन्हें एक पार्सल में हलचल महसूस हुई। इसके बाद जब पार्सल फाड़ा तो अंदर बच्चा जीवित मिला। वे तुरंत उसे लेकर एक नजदीकी अस्पताल गए, जहां दूसरा बच्चा जीवित है और उसका इलाज चल रहा है।