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पत्रावलियों से मिली अहम जानकारियों से खुलासा हुआ कि 23 मार्च 2016 को फर्स्ट नेम्स ग्रुप ने मोसाका फोनेस्का के साथ हैप्टिक बीवीआई लिमिटेड की स्थापना की। जिसके बाद उसने पानामा लॉ फार्म से कॉन्टैक्ट किया और इसके आॅनर के बारे में जानकारी अपडेट करने को कहा। यहां चौंकाने वाली बात यह है कि फर्म से कहा गया कि इसके नाम को अपडेट कर शिशिर कुमार बाजोरिया के स्थान पर चार्लस गैरी हेपबर्न लिख दिया जाए। बता दें कि फर्म ब्रिटिश वर्जिन आइलैन्ड (टापू) (BVI) पर शिशिर कुमार बजोरिया का मालिकाना हक है।
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बता दें कि 2016 में बजोरिया ने खुलासा किया था कि वह फर्स्ट नेम्स के पहले क्लाइंट थे, जबकि उनके पास हैप्टिक के मालिकाना राइट नहीं थे। बुजोरिया के अनुसार हैप्टिक मैनेजमेंट से उनका नाम गलती या चूक के कारण जुड़ गया होगा। हैप्टिक का नाम उन 69 कंपनियों में शुमार है, जिनसे जांच एजेंसी ने मोसाक फोनेस्क के बारे में जानकारी मांगी थी। जिसके बाद लॉ फॉर्म ने आर्थिक जांच एजेंसी के सामने खुलासा किया हैप्टिक का मालिक कोई और नहीं बलिक् बाजोरिया ही है। जबकि बाद में फर्स्ट नेम्स ने हैप्टिक का मालिकाना हक अपने पास होने की बात कही थी। बता दें कि 2014 में भाजपा ज्वाइन करने वाले बाजोरिया कभी पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु के काफी करीबी रहे चुके हैं।