अहमदाबाद. गुजरात के चर्चित
बिटकॉइन मामले में सोमवार को एक नया मोड सामने आया है। इस संदर्भ में सीआईडी क्राइम ने रविवार को एक और मामला दर्ज किया है। उसमें पहले मामले के शिकायतकर्ता सूरत के बिल्डर शैलेष भट्ट को मुख्य आरोपी दर्शाया है। आठ अन्य आरोपी भी है।
शैलेष भट्ट पर अन्य लोगों के साथ मिलकर आयकर कर्मचारी और सूरत क्राइम ब्रांच कर्मचारी बनकर पीयुष सावलिया व धवल मावाणी नाम के दो युवकों का अपहरण करके धवल के पास से १३१ करोड़ के २२५६ बिटकॉइन जबरन ट्रांसफर करा लेने का आरोप है। साथ ही अपहरण से मुक्त करने के लिए ११ हजार लाइट कॉइन ट्रांसफर कराने और १४.५० करोड़ रुपए आंगडिया के जरिए लेने का भी आरोप लगा है।
इस मामले में सीआईडी क्राइम ने भट्ट के भांजे निकुंज भट्ट व एक अन्य व्यक्ति दिलीप कानाणी को सोमवार को गिरफ्तार किया है। दिलीप कानाणी के ब्लॉक चेन वॉलेट से १५२ बिटकॉइन भी जब्त किए हैं।
नोटबंदी दौरान बिटकनेक्ट में निवेश, जनवरी-१८में बंदसीआईडी क्राइम के डीजीपी आशीष भाटिया ने बताया कि शैलेष भट्ट के पास बिटकॉइन कहां से आए जब इसकी जांच की तो पता चला कि दो साल पहले (नोटबंदी के दौरान) सूरत में सतीश कुंभाणी नाम के युवक ने बिटकनेक्ट नाम से कंपनी शुरू की। ऑनलाइन इस कंपनी में देश,विदेश और सबसे ज्यादा सूरत के लोगों ने करोड़ों रुपए का निवेश किया। उसने लुभावनी चार स्कीमें लॉंच की थी। यह कंपनी जनवरी-२०१८ में बंद हो गई। इसके विरुद्ध किसी ने शिकायत नहीं की।
इस कंपनी में शैलेष भट्ट ने भी बिटकॉइन में निवेश किया था। जिससे शैलेष ने अपने डूबे हुए रुपए पाने के लिए बिटकनेक्ट कंपनी से जुड़े पीयुष सावलिया का अपहरण किया। उसके जरिए पता चला कि बिटकनेक्ट कंपनी की टेक्निकल जानकारी धवल मावाणी के पास में है। वही बता सकता है, जिससे धवल मावाणी के अपहरण की साजिश रची। शैलेष भट्ट ने दिलीप कानाणी, जिज्ञेश मोरडिया, किरीट वाळा, भांजे निकुंज सहित नौ लोगों की मदद से षडयंत्र रचते हुए ३० जनवरी को पीयुष सावलिया का अपहरण किया। सूरत निवासी दिलीप कानाणी ने सावलिया को लैपटॉप ठीक करवाने के बहाने से बुलाया। फिर आयकर कर्मचारी बनकर उसका अपहरण करके तीन दिनों (एक फरवरी) तक कामरेज के पास एक फार्म हाऊस में बंधक बनाकर रखा। उसने धवल मावाणी से संपर्क करने कोकहा। सावलिया का वीडियो बनाया फिर उसे छोड़ दिया।
मावाणी से २२५६ बिटकॉइन, १1 हजार लाइट कॉइन लिएधवल मावाणी की जानकारी मिलने पर शैलेष भट्ट ने एक फरवरी को सूरत पर्वत पाटिया इलाके में अनुपम आर्केड स्थित उसकी ऑफिस की पार्किंग से खुद को सूरत क्राइम ब्रांच का कर्मचारी बताते हुए जिग्नेश मोरडिया, किरीट वाळा ने एक कार में मावाणी का अपहरण किया। एक जगह ले जाकर पीयुष सावलिया का बनाया वीडियो बताया फिर बंदूक की नोंक पर उससे मारपीट की। निकुंज भट्ट के जरिए धवल मावाणी के लैपटॉप में से १३१ करोड़ (१३१०७३६०००रुपए) के बिटकॉइन शैलेष भट्ट के मोबाइल में बने ब्लॉक चेइन वोलेट में ट्रांफसर करा लिए। उस दिन एक बिटकॉइन की कीमत ५.८१ लाख रुपए थी। इसमें से ५०० बिटकॉइन जिज्ञेश मोरडिया व ३५० बिटकॉइन किरीट वाला को शैलेष भट्ट ने दिए। मावाणी को मुक्त करने के एवज में उससे ११००० लाइट कॉइन किरीट पालडिया के बिनान्स एक्सचेंज वोलेट में मावाणी से ट्रांसफर करा लिए। इन १1००० लाइट कॉइन को बिटकॉइन में ट्रांसफर करने पर ही पालडिया के वॉलेट में १६६ बिटकॉइन बने। इसकी कीमत नौ करोड़ ६४ लाख (९६४४६०००रुपए) है। अन्य १० बिटकॉइन भट्ट ने अलग से पालडिया के वॉलेट में ट्रांसफर किए थे। इन १७६ बिटकॉइन को भट्ट को न सौंपना पड़े इसलिए पालडिया ने नलिन कोटडिया व अमरेली पुलिस के साथ मिलकर षडयंत्र रचा और भट्ट का अपहरण कराकर यह बिटकॉइन ट्रांसफर हो गए होने का आभास पैदा करके उसे चपत लगाई।
मावाणी को छोडऩे के लिए और भी रुपए मांगे, जिससे धवल मावाणी ने बिटकनेक्ट के कैशियर सुरेश गोरसिया के जरिए १४.५० करोड़ रुपए सूरत में आंगडिया के जरिए भेजे, जिसे शैलेष भट्ट ने मुंबई में इन्कम टैक्स इंस्पेक्टर पी.डी.जाड़ेजा के नाम से भेजे। जिसे बाद में वापस सूरत मंगा लिया। इसमें से दस करोड़ रुपए हितेष जोतासणा के जरिए शैलेष ने खुद ले लिए और चार करोड़ रुपए गांधीनगर इन्फोसिटी में मंगवाए यहां भी भट्ट ने इन रुपयों को ले लिया। अन्य ६० लाख किरीट पालडिया के जरिए गांधीनगर मंगवाकर गांधीनगर में लिए।
इन नौ विरुद्ध नामजद प्राथमिकीइस मामले में सीआईडी क्राइम के पीआई जे.एच.दहिया ने गुजरात सरकार की ओर से शिकायतकर्ता बनते हुए शैलेष भट्ट व उसके साथियों के विरुद्ध रविवार १९ मई को सूरत जोन सीआईडी क्राइम थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें शैलेष भट्ट के अलावा जिग्नेश मोरडिया, किरीट वाला, निकुंज भट्ट, जिग्नेश खेनी, उमेश उर्फ उमलो, बावाजी, जे.के.राजपूत, दिलीप कानाणी, हितेष जोतासणा व अन्य को आरोपी बनाया गया है। इन पर अपहरण, मारपीट, जबरन बिटकॉइन ट्रांसफर करा लेने, फिरौती वसूलने का आरोप है। इस मामले की जांच सीआईडी क्राइम के डीजीपी आशीष भाटिया की देखरेख में पीआई पी.जी.नरवडे को सौंपी है।
Hindi News / Ahmedabad / शिकायतकर्ता शैलेष भट्ट ही दूसरे मामले में मुख्य आरोपी