राजधानी दिल्ली में जमकर बांटे गए फर्जी ई-पास, मामले का हुआ खुलासा तो पुलिस के फूले हाथ-पांव ताजा डाटा लीक मामले में करीब 2,000 आधार कार्ड ( Aadhaar Card ) और 18 लाख भारतीयों के विवरण मुफ्त में डार्क वेब ( Dark Net ) पर उपलब्ध हैं।
इससे पहले लगभग 2.9 करोड़ नौकरीपेशा ( Jobseekers ) लोगों की जानकारी लीक होने का पता अमरीका की साइबर इंटेलीजेंस फर्म साइबल इंक ने लगाया था। यह कंपनी लीक के स्रोत का पता लगाने और अपराधियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। साइबल के संस्थापक बीनू अरोड़ा ने बताया कि पिछले 12 घंटों में कुछ समय के लिए आधार कार्ड को डार्क वेब पर पोस्ट किया गया था।
द हिंदू से बातचीत में अरोड़ा ने कहा, “हमें नहीं पता है कि यह लीक कैसे हुआ। यह एक नामी अपराधी का काम है जिसने अभी इसे लीक करने का फैसला किया। लीक के मामले में इसके पास लगभग 2,000 आधार कार्ड हैं। बड़ी संख्या में फाइलें वर्ष 2019 की नजर आ रही हैं। कई आईडी मोबाइल कैमरों से स्कैन की गई हैं और इन्हें वॉट्सऐप पर अन्य लोगों को ट्रांसफर किया गया होगा। यह ज्यादा संभावना है कि काफी संख्या में आईडी हासिल की गई हों लेकिन अपराधी ने केवल एक छोटी संख्या को ही शेयर करने का फैसला किया हो। हम अभी भी इस मामले को देख रहे हैं।”
YouTube से सीखने के बाद पत्नी की सांप से कटवाकर हत्या, हैरान कर देगी यह Murder Mystry साइबल शोधकर्ताओं के मुताबिक आधार कार्ड और नौकरी चाहने वालों की जानकारी अलग-अलग अकाउंट द्वारा पोस्ट की गई थीं।
अरोड़ा ने कहा, “आधार लीक करने वाले ने एक दूसरा लीक भी पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने 19 मई को मध्य प्रदेश के 18 लाख निवासियों का विवरण मुफ्त में दिया। हमने इस लीक की पहचान नौकरी ढूंढने वाले डेटा की जांच के दौरान की।” सूत्रों ने पुष्टि की कि राज्य और केंद्रीय साइबर क्राइम एजेंसियों ने भी इस मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है।