गुरुवार 5 मई को पकड़े गए राजस्थान में दो और सरकारी अधिकारी
राजस्थान में हर दिन एक से अधिक अधिकारी हो रहे गिरफ्तार
एसीबी ने Rajasthan में 4 माह में रंगे हाथों रिश्वत लेते 152 मामले पकड़े
हर साल बढ़ रही है एसीबी की चपेट में आने वाले अधिकारियों की संख्या
राजस्थान में हर दिन एक से अधिक अधिकारी हो रहे गिरफ्तार
एसीबी ने Rajasthan में 4 माह में रंगे हाथों रिश्वत लेते 152 मामले पकड़े
हर साल बढ़ रही है एसीबी की चपेट में आने वाले अधिकारियों की संख्या
जयपुर। राजस्थान इन दिनों एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाईयों के चलते चर्चा में बना हुआ है। जिस तेजी से एसीबी कार्रवाई कर रही है उससे राजस्थान में करप्शन के स्तर और करप्शन करने वालों के बेखौफ होने का अनुमान लगाया जा सकता है। एसीबी ने हालिया कार्रवाई में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के कुलपति डॉ. रामावतार गुप्ता को परिवादी से 5 लाख रुपए की रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। एसीबी के जयपुर स्थित मुख्यालय से डीजी भगवान लाल सोनी पत्रिका को बताया कि, एसीबी की व्हाटसएप हैल्पलाईन पर परिवादी द्वारा शिकायत दी गई कि उसके निजी विश्वविद्यालय में इंजिनियरिंग की सीटें बढ़ाने, सुविधाएं उपलब्ध कराने व सतत परेशान नहीं करने की एवज में वीसी द्वारा 10 लाख रुपए की रिश्वत राशि मांग कर परेशान किया जा रहा था। जिसके बाद एसीबी ने एम.एन.आई.टी. जयपुर परिसर में बने सरकारी गेस्ट हाउस में 5 लाख रुपये रिश्वत लेते ट्रैप किया। रिश्वत राशि के अलावा सरकारी गेस्ट हाउस की तलाशी में करीब 21 लाख रुपए की संदिग्ध राशि भी बरामद की गई है। बता दें कि गेस्ट हाउस में डॉ. रामावतार गुप्ता पिछले चार दिनों से रह रहे थे। आरोपी के निवास और अन्य ठिकानों की तलाशी जारी है।
आईएएस से लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति तक दबोचे गए बता दें इसके पहले भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने इस वर्ष के मात्र चार माह में रंगे हाथों रिश्वत लेने के 152 मामले पकड़े हैं, इनमें आज 5 मई के दो मामले भी शामिल हैं। इनमें अलवर के पूर्व कलक्टर सहित कई बड़े अधिकारियों को पकड़ा गया है। इस सूची में अब विश्विविद्यालय के वीसी का पद भी शामिल हो गया है। एसीबी के डीजी बी.एल. सोनी ने बताया कि इस अवधि में 156 प्रकरण भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में दर्ज किए हैं। जिनमें 150 ट्रैप, 5 मामले आय से अधिक सम्पत्ति और एक मामला पद के दुरुपयोग का है। वहीं, वर्ष-2021 में इस अवधि में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के 141 प्रकरण दर्ज किए थे, जिनमें 130 ट्रैप, 4 आय से अधिक सम्पत्ति और 7 पद के दुरुपयोग के प्रकरण दर्ज किए। इस वर्ष 166 प्रकरणों का निस्तारण किया गया, जिनमें 144 में चालान व 22 में एफआर लगाई गई। जबकि वर्ष 2021 में इस अवधि में 101 चालान व 15 एफआर लगाई गई। वर्ष 2020 में 80 चालान व 10 में एफआर लगाई गई थी।