मोरक्को में दोहरी भूमिका
सुरिंदर का कहना है कि मोरक्को में उनकी दोहरी भूमिका थी, जहां उन्होंने बतौर कोच और बतौर चयनकर्ता अपनी जिम्मेदारी निभाई थी। साथ ही उनका कहना है कि उन्हें गोवा से भी अनुभव मिला है। बता दें कि अपने डेब्यू मैच में शतक लगाने वाले सुरिंदर भारत के लिए 10 टेस्ट मैच खेले हैं। वह अपनी कप्तानी में दिल्ली को रणजी ट्रॉफी और नॉर्थ जोन को दिलीप ट्रॉफी खिताब दिला चुके हैं। सुरिंदर इसी अनुभव के बूते वह भारत में भी यह काम हासिल करना चाहते हैं।
सुरिंदर का कहना है कि मोरक्को में उनकी दोहरी भूमिका थी, जहां उन्होंने बतौर कोच और बतौर चयनकर्ता अपनी जिम्मेदारी निभाई थी। साथ ही उनका कहना है कि उन्हें गोवा से भी अनुभव मिला है। बता दें कि अपने डेब्यू मैच में शतक लगाने वाले सुरिंदर भारत के लिए 10 टेस्ट मैच खेले हैं। वह अपनी कप्तानी में दिल्ली को रणजी ट्रॉफी और नॉर्थ जोन को दिलीप ट्रॉफी खिताब दिला चुके हैं। सुरिंदर इसी अनुभव के बूते वह भारत में भी यह काम हासिल करना चाहते हैं।
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सुरिंदर अमरनाथ को मोरक्को में कोचिंग करने का अनुभव है। वह 2000 के दशक में मुख्य कोच और चयनकर्ता के रूप में काम कर चुके हैं। मोरक्को में सुरिंदर ने शानदार काम करते हुए मोरक्कन क्रिकेटर्स को नई ऊंचाई दी थी और आईसीसी ने भी उनाके इस काम की सराहना की थी। सुरिंदर ने बाद में गोवा क्रिकेट संघ के सलाहकार के तौर पर भी काम किया था।
सुरिंदर अमरनाथ को मोरक्को में कोचिंग करने का अनुभव है। वह 2000 के दशक में मुख्य कोच और चयनकर्ता के रूप में काम कर चुके हैं। मोरक्को में सुरिंदर ने शानदार काम करते हुए मोरक्कन क्रिकेटर्स को नई ऊंचाई दी थी और आईसीसी ने भी उनाके इस काम की सराहना की थी। सुरिंदर ने बाद में गोवा क्रिकेट संघ के सलाहकार के तौर पर भी काम किया था।