30 वर्षीय लिविंगस्टन का कप्तान बनने का सफर आसान नहीं रहा। छह हफ्ते पहले, चुनौतीपूर्ण दौर के बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे टीम से बाहर कर दिया गया था। उस मुश्किल समय को याद करते हुए उन्होंने कहा, “जब मुझे टीम से बाहर किया गया तो फोन कॉल सचमुच 30 सेकंड लंबा था। मुझे बताया गया कि वह कुछ नए चेहरों को आजमाना चाहते हैं। इसलिए मुझे बाहर बैठना पड़ेगा।” हालांकि, जोस बटलर की चोट ने लिविंगस्टन के लिए वापसी का रास्ता खोल दिया। तब से, उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है।
नंबर वन ऑलराउंडर हैं लिविंगस्टन
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लिविंगस्टन के प्रदर्शन ने उनके कमबैक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दो टी20 मैचों में, उन्होंने 37 और 87 रन बनाए, साथ ही पांच विकेट झटके, जिसने उन्हें दुनिया के नंबर 1 टी20 ऑलराउंडर के रूप में शीर्ष स्थान पर पहुंचा दिया। इसके बाद के वनडे में, लिविंगस्टन ने अपने पावर-हिटिंग कौशल का प्रदर्शन किया, लॉर्ड्स में एक महत्वपूर्ण मैच में 27 गेंदों पर 62 रन बनाए। इन प्रदर्शनों ने उन्हें टीम में वापसी का हकदार बनाया। और अब, उनके पास यह दिखाने का अवसर है कि उनके अंदर अभी और भी बहुत अधिक प्रतिभा बाकी है।