हालांकि अभ्यास मैचों में ही टीम इंडिया की गलतफहमी दूर हो गई। कागज़ों में सबसे दमदार दिखाई दे रही भारतीय क्रिकेट टीम का प्रदर्शन मैदान पर बेहद औसत स्तर का नजर आया। टीम न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ मैच में बुरी तरह से धराशाई हुई, तो वहीं बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाफ भी कुछ खिलाड़ी ही असर छोड़ने में कामयाब रहे। टीम जीत हासिल करने में भले ही कामयाब रही लेकिन यह जीत अपने आप में ‘संपूर्ण’ नहीं कही जा सकती।
न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने पहले अभ्यास मैच में टीम इंडिया दस ओवर पहले (39.2 ओवर) ही ढेर हो गई और जोड़े मात्र 179 रन। इसका सीधा सा संदेश यही था कि टीम अभी तक ‘आईपीएल स्टाइल क्रिकेट’ से बाहर ही नहीं निकल सकी है।
बात करें बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे मैच की तो महेंद्र सिंह धोनी और केएल राहुल की पारियों को निकाल दिया जाए तो यहां भी तस्वीर कुछ-कुछ पहले मैच जैसी ही दिखाई दी। मन बहलाने के लिए जीत अच्छी हो सकती है लेकिन प्रैक्टिस मैचों के परिणाम ने टीम इंडिया को अपने अंदर झांकने को मजबूर कर दिया है।
बहुत से फैंस से सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा कैसे हो गया। इसके पीछे का कारण स्पष्ट है वो ये है कि भारतीय क्रिकेटर अभी तक इंडियन प्रीमियर लीग ( आईपीएल ) की मानसिकता से ही बाहर नहीं निकल सके हैं।
हाल ही में सभी भारतीय खिलाड़ी फटाफट क्रिकेट खेलकर लौटे हैं और उनके मन मस्तिष्क पर क्रिकेट की यही शैली हावी होती दिखाई दे रही है। जिससे वो चाहकर भी बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
दोनों अभ्यास मैचों में टीम की बुरी दशा का कारण यही है। एक ओर वर्ल्ड कप से पहले दुनिया की सभी टीमें फिफ्टी-फिफ्टी ओवर फॉर्मेट के हिसाब से ढलने में लगी हुई थीं, दूसरी ओर अंतिम समय तक हमारे खिलाड़ी पैसा बटोरने के चक्कर में मार-धाड़ वाला क्रिकेट खेल रहे थे।
वैसे इसमें खिलाड़ियों से ज्यादा दोषी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ( बीसीसीआई ) है। बीसीसीआई को यह मालूम होना चाहिए था कि वर्ल्ड कप की क्या अहमियत है। वर्ल्ड कप से ऐन पहले आईपीएल का आयोजन खिलाड़ियों की लय बिगाड़ सकता है, लेकिन बीसीसीआई ने ऐसा कुछ नहीं सोचा और अपना पूरा ध्यान सिर्फ पैसा कमाने पर दिया।
खैर प्रैक्टिस मैचों में तो जो हुआ सो हुआ लेकिन अब टीम इंडिया की राह और भी कठिन होने वाली है। एक तो टीम इंग्लैंड के हालात में स्विंग के सामने ठीक से खेल पाएगी या नहीं। दूसरा टीम का ऊपरी क्रम अगर ढह जाता है तो टीम का मध्यक्रम इसका सामना कैसे कर पाएगा?
भारतीय टीम के लिए चुनौती पहले ही मैच से शुरू होने वाली है। टीम का पहला ही मैच साउथ अफ्रीका जैसी मजबूत टीम के खिलाफ है जिसकी गेंदबाज़ी न्यूजीलैंड से भी कहीं ज्यादा मजबूत है। अफ्रीकी गेंदबाज़ों के पास रफ्तार, स्विंग, विविधता के अलावा भी वो सब कुछ है जो भारतीय बल्लेबाज़ों को परेशानी में डाल सकता है। इसी मैच के बाद तय हो जाएगा की टीम इंडिया की वर्ल्ड कप के लिए कैसी तैयारी है और वह कितना लंबा सफर तय करने वाली है।
15 सदस्यीय भारतीय क्रिकेट टीम इस प्रकार हैः विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, शिखर धवन, केएल राहुल, विजय शंकर, महेंद्र सिंह धोनी और दिनेश कार्तिक (विकेटकीपर), केदार जाधव, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पांड्या, मोहम्मद शमी और रविंद्र जडेजा।
ICC Cricket World Cup 2019 में Indian cricket team के Match Schedule
पहला मैच- भारत बनाम साउथ अफ्रीका, साउथेम्प्टन – 5 जून
दूसरा मैच- भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, द ओवल – 9 जून
तीसरा मैच- भारत बनाम न्यूजीलैंड, ट्रेंट ब्रिज – 13 जून
चौथा मैच- भारत बनाम पाकिस्तान, ओल्ड ट्रैफर्ड – 16 जून
पांचवां मैच- भारत बनाम अफगानिस्तान, साउथेम्प्टन – 22 जून
छठवां मैच- भारत बनाम वेस्टइंडीज, ओल्ड ट्रैफर्ड – 27 जून
सातवां मैच- भारत बनाम इंग्लैंड, एजबेस्टन – 30 जून
आठवां मैच- भारत बनाम बांग्लादेश, एजबेस्टन – 2 जुलाई
नौवां मैच- भारत बनाम श्रीलंका, लीड्स – 6 जुलाई