वसीम अकरम ने एक पाकिस्तानी मीडिया को दिए इंटरव्यू में कोच बनने के सवाल पर कहा कि एक कोच को 200 से 250 दिन टीम को देने होते हैं। उनका कहना है कि यह काफी समय होता है और वे पाकिस्तान और अपने परिवार से इतने समय तक दूर नहीं रह सकते। वसीम अकरम ने बताया कि अभी वे पाकिस्तान सुपर लीग में खिलाड़ियों के साथ समय गुजार हे हैं और उन सभी खिलाड़ियों के पास उनके नंबर हैं। वहीं कोच के पद के लिए मना करने का उन्होंने एक और कारण बताया। वसीम अकरम का कहना है कि पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के फैंस और फॉलोअर्स बदतमीजी करते हैं।
वसीम अकरम ने कहा,‘मैं मूर्ख नहीं हूं। मैं देखता और सुनता हूं कि लोग किस तरह कोच और सीनियर्स के साथ बदतमीजी करते हैं। उनका कहना है कि खेलने का काम खिलाड़ियों का होता है कोच का नहीं। कोच केवल प्लानिंग बनाने में मदद कर सकता है। साथ ही उनका कहना है कि अगर टीम हारती है तो उसके लिए कोच को उतना जिम्मेदार ठहराना चाहिए जितना कि एक देश के रूप में हम ठहराते हैं।
वसीम अकरम का कहना है कि इन चीजों का उन्हें डर भी लगता है क्योंकि वे अपने साथ किसी तरह की बदतमीजी बर्दाश्त नहीं कर सकते। साथ ही उनका कहना है कि हम ऐसे ही बनते जा रहे हैं। वसीम का कहना है कि उन्हें लोगों से प्यार है और खेल के लिए उनका जोश और उत्साह भी पसंद है, लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी बदतमीजी साफ दिखती है।