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विवियन रिचर्डस के खिलाफ और गावस्कर के साथ नहीं खेलने का मलाल रहेगा : तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के इतिहास के सबसे सफल खिलाड़ियों में शामिल हैं। उन्होंने अपने कॅरियर में कई रिकॉर्ड बनाए। इनमें से कुछ रिकॉर्ड्स तो ऐसे हैं, जिन्हें आजतक कोई नहीं तोड़ पाया।

May 30, 2021 / 04:50 pm

Mahendra Yadav

Sachin tendulkar

सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के खेल में अब तक से सबसे बेहतरीन और इतिहास के सबसे सफल खिलाड़ियों में शामिल हैं। उन्होंने अपने कॅरियर में कई रिकॉर्ड बनाए। इनमें से कुछ रिकॉर्ड्स तो ऐसे हैं, जिन्हें आजतक कोई नहीं तोड़ पाया। मास्टर ब्लास्टर ने अपने 24 साल से अधिक के कॅरियर में 200 इंटरनेशनल सेंचुरी, 463 वनडे, और 200 टेस्ट मैच खेले हैं। उन्होंने 34 हजार से अधिक अंतरराष्ट्रीय रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया जो आजतक कोई नहीं तोड़ पाया। भारत में तो सचिन को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है। हालांकि सचिन को अपने इंटरनेशनल कॅरियर में अब भी दो बातों का मलाल है। सचिन ने हाल ही एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया।
दो बातों का हमेशा मलाल रहेगा
सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि दो दशक से भी अधिक समय तक शानदार कॅरियर रहने के बावजूद उन्हें अपने जीवन में हमेशा दो बातों का मलाल रहेगा। तेंदुलकर ने क्रिकेट डॉट कॉम से बातचीत करते हुए,’मुझे दो बातों का मलाल है। पहला ये कि मैं कभी भी सुनील गावस्कर के साथ नहीं खेल पाया। जब मैं बड़ा हो रहा था तो गावस्कर मेरे बैटिंग हीरो थे। एक टीम के तौर पर उनके साथ नहीं खेलने का हमेशा मलाल रहेगा। वो मेरे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने से कुछ पहले ही संन्यास ले चुके थे।’
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विवियन रिचर्डस के खिलाफ नहीं खेल पाए इंटरनेशनल मैच
वहीं उन्होंने दूसरी बात बताते हुए कहा कि उनके बचपन के हीरो सर विवियन रिचर्डस के खिलाफ नहीं खलेने का उनका दूसरा मलाल है। उन्होंने कहा कि वह भाग्यशाली थे कि वह विवियन रिचर्डस खिलाफ काउंटी क्रिकेट में खेल पाए। लेकिन उन्हें अब भी उनके खिलाफ एक इंटरनेशनल मैच नहीं खेल पाने का मलाल है। सचिन ने कहा,’ भले ही रिचर्डस साल 1991 में रिटायर्ड हुए और हमारे कॅरियर में कुछ साल उतार चढाव के हैं, लेकिन हमें एक-दूसरे के खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिला।’
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जीवन का सर्वश्रेष्ठ दिन
सचिन तेंदुलकर ने हाल ही में बताया था कि उनके जीवन का सर्वश्रेष्ठ दिन कौन सा था। उन्होंने बताया था कि जब वर्ष 2011 में भारत ने वर्ल्डकप जीता था, वह उनके जीवन का सर्वश्रेष्ठ दिन है। उन्होंने कहा कि इस दिन उनका सबसे बड़ा सपना सच हुआ था। भारत ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका को फाइनल में हराकर दूसरी बार वनडे वर्ल्ड कप अपने नाम किया था।

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