बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले वनडे टीम में कोहली और रोहित के न होने से टीम को नुकासन होता नजर आता था। वे 2023 वनडे विश्व कप में भारत के फ़ाइनल तक पहुंचने में टॉप रन बनाने वालों में थे और पिछले साल जून में हुए टी20 विश्व कप में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी जहां पर रोहित और कोच राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में उन्होंने आक्रामकता का रूख अपनाया था। तब से दोनों ही बल्लेबाज़ संघर्ष करते दिखे हैं। रोहित ने यह भी स्वीकार किया है कि न्यूज़ीलैंड से भारत को मिली 0-3 की शिकस्त में उन्होंने कप्तानी में गलतियों की है। हालांकि, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी में उनकी लंबे समय से चली आ रही बल्लेबाज़ी विफलता और उनकी उम्र ने उन्हें अब सवालों के घेरे में ला दिया है।
मीटिंग में जो सबसे बड़े सवाल होंगे उनमें से सबसे पहला सवाल होगा, क्या रोहित शर्मा और विराट कोहली को आईसीसी चैंपियंस ट्ऱॉफी 2025 के बाद रिटायर के लिए कह देना चाहिए या उन्हें हालिया फॉर्म को ध्यान में रखना चाहिए और चैंपियंस ट्रॉफ़ी से ही एक नई शुरुआत करनी चाहिए? जब गंभीर ने अगस्त में कोच का पद संभाला था तो श्रीलंका में वनडे सीरीज़ के लिए उनके पहले कार्य से पहले उनसे पूछा गया था कि उनकी नज़र में रोहित और कोहली में कितना क्रिकेट बचा है। उन्होंने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि ऑस्ट्रेलिया दौरे और साथ ही चैंपियंस ट्रॉफ़ी के लिए दोनों खिलाड़ी मौजूद रहेंगे।
गौतम ने यहां तक उम्मीद जताई कि अगर वे फ़िट रहे तो वे 2027 वनडे विश्व कप खेल सकते हैं और इस बात पर जोर दिया कि वे दोनों टीम में जगह बनाने के हक़दार हैं क्योंकि वे अभी भी जीत में योगदान दे सकते हैं। हालांकि ऑस्ट्रेलिया से मिली 1-3 की हार में कोहली की औसत 23.75 और रोहित की औसत 6.2 की रही, तो गंभीर ने कहा कि उनके भविष्य का फ़ैसला वहीं दोनों करेंगे। टेस्ट क्रिकेट में उनके भविष्य को लेकर नए सिरे से बातचीत होगी, लेकिन पिछले साल अजित अगरकर की अगुआई वाली चयन समिति द्वारा तैयार किए गए रोडमैप में रोहित और कोहली 2025 चैंपियंस ट्रॉफ़ी की योजना का हिस्सा थे। दोनों भारत के शीर्ष तीन खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिसमें शुभमन गिल भी शामिल हैं, जिन्होंने 2023 वनडे विश्व कप में रोहित के साथ सफल ओपनिंग साझेदारी की थी।