पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारतीय टीम ने सिर्फ़ 17 के स्कोर पर दो विकेट गंवा दिए थे और टीम काफ़ी दबाव में दिख रही थी। हालांकि जी तृषा ने 44 गेंदों में 49 रन बनाते हुए टीम के लिए एक सम्मानजनक स्कोर की नींव रखी। भले ही वह अर्धशतक से चूक गईं लेकिन उनके ही कारण भारत 100 रनों के आंकड़े के पार कर पाया। तृषा के अलावा सिर्फ़ तीन ही बल्लेबाज़ दहाई अंकों तक पहुंच पाईं।
वहीं जब श्रीलंका की टीम 119 के स्कोर का पीछा करने उतरी तो शबनम और जोशिता ने कमाल की गेंदबाज़ी की। अपने पहले ओवर की दूसरी ही गेंद पर विकेट चटकाने के बाद शबनम ने भारतीय टीम की वापसी की नींव रख दी थी। इसके बाद जोशिता ने भी अपने पहले ही ओवर में विकेट चटका कर श्रीलंका को बैकफ़ुट पर धकेल दिया।
यहां से श्रीलंकाई बल्लेबाज़ी क्रम ताश के पत्तों की तरह बिखरता हुए नज़र आया। 12 के स्कोर पर तो श्रीलंका की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी। यहां से भारतीय गेंदबाज़ों ने कभी भी दबाव को कम नहीं होने दिया। लगातार विकेटों के पतन के बीच एक समय ऐसा आया, जब श्रीलंकाई बल्लेबाज़ किसी भी तरह से 20 ओवर तक खेलने का प्रयास कर रही थीं। भारत की तरफ़ से शबनम, जोशिता और परुनिका सिसोदिया ने दो-दो विकेट लिए।