मैच के बाद दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच पहले जुबानी जंग हुई। इसके बाद यह जुबानी जंग धक्का-मुक्की में बदल गई। बता दें कि किसी आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में बांग्लादेश की कोई टीम पहली बार फाइनल में पहुंची थी। इसे लेकर वह काफी उत्तेजित थे। इतना ही मैच के दौरान भी दोनों टीमों के बीच कई बार तनाव की स्थिति पैदा हुई। खेल के दूसरे ओवर में तंजीम हसन हसन साकिब की एक थ्रो पर दिव्यांश सक्सेना बाल-बाल बचे थे। ऐसा लगा था कि उन्होंने जानबूझकर गेंद साकिब के सिर का निशाना बनाकर फेंकी थी। इतना ही नहीं, जब भी भारतीय बल्लेबाज आउट हो रहे थे बांग्लादेशी गेंदबाज ओवर रिएक्ट कर रहे थे। बांग्लादेश के कप्तान अकबर अली ने अपने खिलाड़ियों की इस हरकत के लिए बाद में माफी भी मांगी। मैच के बाद भारत के कप्तान प्रियम गर्ग ने भी बांग्लादेशी खिलाड़ियों के व्यवहार को काफी खराब बताया था।
टीम इंडिया के कप्तान प्रियम गर्ग ने कहा कि मैच के दोरान उनके खिलाड़ी सहज थे। उन्हें लगता है कि हार-जीत खेल का हिस्सा है। खेल के दौरान कई बार आप जीतते हैं तो कई बार हार का भी सामना करना पड़ता है। लेकिन बांग्लादेशी खिलाड़ियों का व्यवहार बेहद खराब था। उन्हें लगता है कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। मैच के दौरान भी वह कुछ ज्यादा ही आक्रामकता दिखा रहे थे। वह हर गेंद के बाद भारतीय बल्लेबाज पर कुछ न कुछ टिप्पणी कर रहे थे। यहां तक कि जीत के करीब पहुंचने के बावजूद बांग्लादेशी खिलाड़ी कैमरे के सामने टिप्पणी करते देखे गए।