अगर बिना किसी समझौते के 31 अक्टूबर तक ब्रेग्जिट लागू हो जाता है तो तकरीबन 50 क्रिकेटरों को 2021 तक इंग्लैंड छोड़कर जाना पड़ सकता है। इसको लेकर इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने गाइडलाइंस जारी कर दी है। ईसीबी ने इस बारे में 18 काउंटी क्लबों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। इसमें ब्रेग्जिट के बाद क्या-क्या बदलावा हो सकते हैं, इसकी जानकारी दी गई है। ब्रेग्जिट के बाद इनमें से कुछ ही खिलाड़ी काउंटी में खेल पाएंगे, वह भी विदेशी खिलाड़ी के हैसियत से। अभी तक कोल्पक डील के तहत खेलने वाले खिलाड़ियों को काउंटी में विदेशी खिलाड़ी नहीं माना जाता था। ब्रेक्जिट के बाद नया कोल्पक डील नहीं हो पाएगा। पुराना करार 2020 के सीजन तक का ही है। ब्रिटेन में कोल्पक डील के तहत ज्यादातर दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी खेलते हैं। इसके अलावा जिम्बाब्वे, केन्या, आयरलैंड और विंडीज के कुछ खिलाड़ी भी इस डील के तहत इंग्लैंड में काउंटी खेलते हैं।
कोल्पक डील के तहत क्रिकेट खेलने वाले यूरोपीय यूनियन के पासपोर्ट धारक खिलाड़ी की गिनती विदेशी खिलाड़ियों के रूप में नहीं होती है। इसके तहत सिर्फ यूरोपीय ही नहीं आते, जिन-जिन देशों का यूरोपीय यूनियन से समझौता है, वहां के लोग यूरोपीय यूनियन के किसी भी देश में रह सकते हैं और काम कर सकते हैं। उनके पास वह सारे अधिकार होते हैं, जो यूरोपीय यूनियन के नागरिकों के पास होते हैं। कोल्पक डील के बाद खिलाड़ी प्राथमिकता राष्ट्रीय टीम नहीं रहती। क्रिकेट सीजन के दौरान उन्हें काउंटी की तरफ से ही खेलना होता है।