ये हैं वो 5 खिलाड़ी
प्रवीण कुमार (भारत)
शुरूआत भारत से ही करते हैं। टीम इंडिया के मीडियम पेसर प्रवीण कुमार वर्ल्ड चैंपियन टीम का हिस्सा रह चुके हैं। साल 2011 में प्रवीण कुमार भारत की वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा थे, लेकिन वो विश्व कप का एक भी मैच नहीं खेल पाए थे। ये वो वक्त था, जब प्रवीण कुमार बेहतरीन स्विंग गेंदबाजों में से एक थे, लेकिन कप्तान धोनी ने प्रवीण कुमार को विश्व कप का एक भी मैच नहीं खिलाया था। प्रवीण की जगह मुनफ पटेल और जहीर खान को धोनी ने लगातार खिलाया था। भारत 2011 का वर्ल्ड कप जीतकर 28 साल बाद वर्ल्ड चैंपियन बना था।
मर्वन अट्टापट्टू (श्रीलंका)
जब-जब श्रीलंका के बेहतरीन खिलाड़ियों का जिक्र किया जाता है तो मर्वन अट्टापट्टू का नाम जरूर आता है। श्रीलंका के महान बल्लेबाजों में से एक रहे मर्वन अट्टापट्टू ने अपने देश के लिए सालों तक सेवा की और इस दौरान उन्होंने कुछ समय तक कप्तानी भी की। श्रीलंका के लिए 13 हजार से ज्यादा इंटरनेशनल रन बना चुके मर्वन अट्टापट्टू साल 1996 वर्ल्ड कप में श्रीलंकाई टीम का हिस्सा थे, लेकिन उन्हें पूरे विश्व कप के दौरान एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिल सका, लेकिन वो विश्व चैंपियन टीम का हिस्सा जरूर रहे।
ब्रैड हैडिन (ऑस्ट्रेलिया)
ब्रैड हैडिन ऑस्ट्रेलिया के बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाजों में से एक थे। ब्रैड हैडिन साल 2007 की ऑस्ट्रेलिया की विश्व कप टीम का हिस्सा रहे हैं। हालांकि गिलक्रिस्ट की मौजूदगी में उन्हें कोई मैच तो खेलने का मौका नहीं मिला, लेकिन चैंपियन के तौर पर टीम का हिस्सा जरूर रहने में सफल रहे।
मिचेल जॉनसन (ऑस्ट्रेलिया)
क्रिकेट के इतिहास में जब-जब खतरनाक गेंदबाजों का जिक्र होगा, तब-तब ऑस्ट्रेलिया के मिचेल जॉनसन का नाम जरूर चर्चा में आएगा। साल 2007 विश्व कप में मिचेल जॉनसन ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा थे, लेकिन उन्हें विश्व कप का एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला था। कप्तान रिकी पॉन्टिंग ने मिचेल जॉनसन को एक भी मैच नहीं खिलाया था। आपको बता दें कि मिचेल जॉनसन में 140 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से लगातार गेंदबाजी करने की क्षमता उन्हें खास बनाती थी, लेकिन उनकी जगह मैकग्रा और शॉन टेट को सभी मैच खिलाए गए। इसके बावजूद भी मिचेल जॉनसन को विश्व चैंपियन टीम का हिस्सा होने का अवसर प्राप्त हुआ।
टॉम कुरेन (इंग्लैंड)
इंग्लैंड मौजूदा विश्व चैंपियन है। इंग्लैंड ने फाइनल में न्यूजीलैंड को मात देकर पहली बार विश्व चैंपियन का खिताब अपने नाम किया था। वैसे तो ये खास मौका उस टीम के हर खिलाड़ी के लिए बहुत खास था, लेकिन तेज गेंदबाज टॉम कुरेन को तो विश्व का कोई मैच खेले बिना ही विश्व चैंपियन टीम का हिस्सा बनने का मौका मिला। टॉम कुरेन ने भले ही वर्ल्ड कप का कोई मैच नहीं खेला हो, लेकिन चैंपियन टीम के खिलाड़ी का अनुभव जरूर हासिल किया।