आईसीसी ने बीसीसीआई को नाडा के अंतर्गत लाने के लिए काफी प्रयास किए। बीसीसीआई लंबे समय से नाडा की शर्तों को मानने से इनकार करता आया है। हालांकि नाडा के साथ करार में खुद बीसीसीआई का ही फायदा है, अगर वह ऐसा नहीं करता तो उसे विश्व डोपिंग विरोधी संस्था ( WADA ) से मान्यता रद्द होने का खतरा था।
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बीसीसीआई की मांग-
बीसीसीआई की मांग है कि सैंपल बोर्ड के ऐंटी-डोपिंग मैनेजर की मौजूदगी में ही लिए जाएं। बीसीसीआई की दूसरी अहम मांग ये है कि बोर्ड ही तय करे कि किस मैच के दौरान सैंपल लिए जाएं। बीसीसीआई ने नई शर्तों के साथ तैयार किया ड्राफ्ट नाडा और आईडीटीएम को भेज दिया है।
घरेलू सीजन की शुरुआत के साथ ही लागू हो जाएगा करार-
नाडा का ट्रायल घरेलू सीजन की शुरुआत के साथ ही अक्टूबर में शुरू हो जाएगा। घरेलू सीजन की शुरुआत के साथ ही खिलाड़ियों के सैंपल लेने भी शुरू किए जाएंगे। इस प्रक्रिया में अगर बीसीसीआई किसी तरह की बाधा पहुंचाएगा तो नाडा, वाडा को निगेटिव रिपोर्ट भी भेज सकेगा।