लगा चकिंग का आरोप
मुरलीधरन ने अपना अंतरराष्ट्रीय करियर 1992 में शुरू किया और 1995 के मेलबर्न टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के अंपायर डेरेल हेयर ने मुरलीधरन पर चकिंग का आरोप लगाकर उन्हें गेंदबाजी से रोक दिया। इसके बाद भी उनकी गेंदबाजी एक्शन को लेकर आरोप लगते रहे। उनके ‘दूसरा’ को भी अवैध गेंद बताया गया। ऐसे वक्त में एक भारतीय डॉक्टर ने उन्हें नया जीवन दिया। चंडीगढ़ स्थित पीजीआई के ऑर्थोपैडिक सर्जन प्रोफेसर मनदीप सिंह ढिल्लो नेक उन्हें ‘चकर’ के कलंक से मुक्ति दिलाई। इस कारण वह अपना करियर जारी रख पाए।
डॉ. ढिल्लों ने मुरलीधरन के लिए प्लास्टिक की एक स्ट्रैप तैयार की। इसे पहनकर वह संदिग्ध बॉलिंग एक्शन की जांच में सफल रहे। इस बात को मुरली ने भी माना की इस पट्टी की मदद से ही उनके करियर को मदद मिली और वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजी जारी रख सके औक्र गेंदबाजी के इतने सारे रिकॉर्ड कायम कर पाए। यही वजह थी कि 2010 में गॉल में जब वह भारत के खिलाफ विदाई टेस्ट में उतरे तो डॉक्टर ढिल्लो को बतौर विशेष मेहमान बुलाया था।
टेस्ट और वनडे दोनों में सर्वाधिक विकेट का रिकॉर्ड बनाया
इसके बाद तो मुरलीधरन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। संन्यास के वक्त तक वह वनडे क्रिकेट में 534 विकेट के आंकड़े पर पहुंच गए। इस मामले में दूसरे स्थान पर पाकिस्तान के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज वसीम अकरम हैं। उन्होंने 502 विकेट लिए हैं। वहीं टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट अपने नाम किए, जबकि दूसरे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया के लेग स्पिनर शेन वॉर्न हैं। उन्होंने 708 विकेट लिए हैं। इस तरह अंतराष्ट्रीय क्रिकेट को जब मुरलीधरन ने छोड़ा तो उनके खाते में टेस्ट, वनडे और टी-20 मिलाकर कुल 1347 विकेट लेने का अविश्वसनीय रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके थे।
मुरलीधरन का टेस्ट क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन एक पारी में 51 रन देकर नौ विकेट है। यह प्रदर्शन उन्होंने जनवरी 2002 को जिम्बाब्वे के खिलाफ किया था। इस मैच में वह महज एक विकेट से एक टेस्ट पारी में 10 विकेट लेने से चूक गए, नहीं तो वो इंग्लैंड के जिम लेकर और भारत अनिल कुंबले के बाद एक पारी में 10 विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज होते.
भारतीय मूल के हैं मुरलीधरन
मुरलीधरन का जन्म 17 अप्रैल 1972 को श्रीलंका के कैंडी शहर में हुआ था। उनके पूर्वज भारत के तमिलनाडु राज्य से श्रीलंका जाकर बस गए थे। मुरलीधरन की पत्नी भी तमिलनाडु की ही रहने वाली हैं। मुरलीधरन ने साल 1992 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू किया था और अंतिम मैच भारत के खिलाफ खेला।
ऐसा रहा मुरलीधरन का पूरा करियर
मुरलीधरन ने 133 टेस्ट मैच में 800 विकेट लिए। यह विश्व रिकॉर्ड है। टेस्ट की एक पारी में सबसे ज्यादा 67 बार पांच विकेट लेने का कारनामा भी उन्हीं के नाम है, जबकि 37 बार एक पारी में पांच विकेट लेकर शेन वॉर्न इस मामले में दूसरे स्थान पर हैं। वहीं 350 वनडे मैच में उन्होंने कुल 534 विकेट चटकाए हैं। वनडे क्रिकेट में भी सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉड्र उन्हीं के नाम है। हालांकि वनडे में एक पारी में पांच विकेट लेने के मामले में वह दूसरे स्थान पर हैं। उन्होंने 10 ऐसा किया, जबकि पाकिस्तान के वकार युनुस 13 बार ये कारनामा कर चुके हैं।