भारतीय टीम लगातार तीसरी बार ऑस्ट्रेलिया को उसके घर पर हराकर हैट्रिक पूरा करने का सपना देख रही है। लेकिन इस बार कुछ चीजें भारत के पक्ष में नहीं है। न ही इस बार हमारे पास चेतेश्वर पुजारा हैं और न ही अजिंक्य रहाणे, जो पिछले दोनों दौरों पर बल्ले से अहम खिलाड़ी थे। इतना ही नहीं, पहले टेस्ट में कप्तान रोहित शर्मा भी नहीं है, जबकि विराट कोहली का खामोश बल्ला टीम की एक बड़ी परेशानी है।
पढ़े: मुंबई को रणजी चैंपियन बनाने वाले कोच की RCB में एंट्री, मिली ये अहम जिम्मेदारी भारतीय क्रिकेट टीम के लिए न सिर्फ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी दांव पर है, बल्कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप से भी बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है। आन-बान और शान की लड़ाई में विश्व की दो दिग्गज टीमें 22 नवंबर से पर्थ में भिड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। कहावत है, ‘नींव हो मजबूत तो इमारत होगी बुलंद’। पर्थ टेस्ट इस बहुप्रतीक्षित पांच मैचों की सीरीज के लिए नींव का काम करेगा और यहां जो बाजी मारेगा, काफी हद तक उसका पलड़ा पूरी सीरीज में भारी हो सकता है।
भारतीय गेंदबाजों में अनुभव की कमी
भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों के फार्म की बात करें तो कहीं न कहीं मेहमान टीम बैकफुट पर नजर आ रही है। खास तौर पर दोनों टीमों के पेस अटैक की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी लाइन-अप ज्यादा मजबूत है। ऑस्ट्रेलिया में जीतने के लिए तेज गेंदबाज सबसे बड़े हथियार साबित होते हैं। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 6 तेज गेंदबाजों को भारतीय स्क्वाड में शामिल किया गया है। लेकिन विरोधी टीम के 3 मुख्य तेज गेंदबाजों (पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड) के सामने ये कमतर नजर आते हैं। यह भी पढ़े: AUS vs PAK: मार्कस स्टोइनिस ने रचा इतिहास, एक कैलेंडर ईयर में अंतरराष्ट्रीय टी20 में 300 रन और 20 विकेट लेने वाले चौथे खिलाड़ी भारतीय टीम में मौजूद गेंदबाज- जसप्रीत बुमराह, आकाश दीप, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, हर्षित राणा (डेब्यूटेंट) और नीतीश कुमार रेड्डी (डेब्यूटेंट) हैं। केवल जसप्रीत बुमराह ही हैं जिन पर टीम भरोसा कर सकती है। सिराज की फॉर्म अच्छी नहीं है जबकि तेज गेंदबाज अनुभवहीन हैं।