दक्षिण अफ्रीका की टीम को अक्सर बड़े स्टेज पर हारने के लिए जाना जाता रहा है। इसलिए उन पर ‘चोकर्स’ का टैग भी लगा हुआ है। 90 के दशक में दक्षिण अफ्रीका की पुरुष टीम बहुत शानदार थी, लेकिन वह भी विश्व कप जीतने में सफल नहीं हो सकी। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका को सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंचने में दिक्कत आई, लेकिन पिछले साल से इस आंकड़े में थोड़ा बदलाव हुआ है और अब यह टीम न केवल फाइनल में पहुंच रही बल्कि हार भी रही है। यानी ‘चोकर्स’ का टैग विश्व कप के रनर-अप का सफर तय करने के बाद भी बरकरार है। इस तरह से आईसीसी इवेंट में बड़े मौके पर दक्षिण अफ्रीका की टीम फ्लॉप हो जाती है। हर एक टूर्नामेंट में टीम शानदार खेल दिखाते हुए सेमीफाइनल और अब फाइनल तक पहुंचने में कामयाब होती है लेकिन खिताब नहीं जीत पाती है।