इसके जवाब में गावस्कर ने कहा, “मैं 50 से ज़्यादा सालों के अनुभव के आधार पर कह सकता हूँ कि सिर्फ़ भारतीय दर्शक ही नहीं हैं जो अपनी टीम के खराब प्रदर्शन पर चुप रहते हैं, बल्कि हर देश में दर्शक चुप रहते हैं। अगर विदेशों में भारत के अच्छा प्रदर्शन करने पर कोई शोर होता है, तो इसकी वजह भारत से लंबी दूरी तय करके आने वाले भारतीय समर्थक हैं, जो स्थानीय लोगों की बजाय भारतीय टीम का उत्साहवर्धन करते हैं। अगली बार जब कोई टिप्पणीकार या विदेश से मीडियाकर्मी भारत के खराब प्रदर्शन पर भारतीय दर्शकों की चुप्पी के बारे में बात करने की कोशिश करे, तो हमें उनसे पूछना चाहिए कि उनके समर्थक अपनी टीम का उत्साहवर्धन करने क्यों नहीं आए। भारत की आलोचना करने के इस काम का जवाब आक्रामकता से दिया जाना चाहिए, क्योंकि यही एकमात्र भाषा है जिसे वे समझते हैं।