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अपने शानदार करियर में Sunil Gavaskar सिर्फ एक बल्लेबाज से हुए प्रभावित, वही रखा बेटे का नाम

Sunil Gavaskar ने अपने बेटे Rohan Gavaskar के जन्म के 44 साल बाद एक शो के दौरान यह खुलासा किया कि क्यों अपने बेटे का नाम वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज के नाम पर रखा।
 

Jun 07, 2020 / 08:34 pm

Mazkoor

Sunil Gavaskar Rohan Gavaskar

नई दिल्‍ली : विश्व क्रिकेट के सर्वकालिक महानतम सलामी बल्लेबाजों में से एक सुनील मनोहर गावस्कर (Sunil Gavaskar) अपने शानदार क्रिकेटीय करियर में सिर्फ एक खिलाड़ी से प्रभावित हुए। वह उनसे इतने प्रभावित हुए कि अपने बेटे का नाम वेस्टइंडीज के उसी दिग्गज बल्लेबाज रोहन कन्हाई (Rohan Kanhai) के नाम पर रख दिया। इस बात का खुलासा उन्होंने अपने बेटे के जन्म के 44 साल बाद एक शो के दौरान किया।

भारतीय मूल के थे रोहन कन्हाई

दिग्गज बल्लेबाज रोहन कन्हाई भारतीय मूल के थे और वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम (West Indies Cricket Team) के बेहद शानदार बल्लेबाज थे। उन्होंने कैरेबियन टीम की ओर से कुल 79 टेस्‍ट और सात एकदिवसीय मैच में शिरकत की। 17 साल के अपने सफल करियर में कन्हाई ने 15 शतक और 28 अर्धशतक की मदद से टेस्‍ट क्रिकेट में 6,227 रन बनाए। गावस्कर अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी का प्रेरणास्रोत उन्हें ही मानते हैं। वह अपने पहले ही कैरिबियन दौरे में रोहन कन्‍हाई से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपने बेटे का नाम उनके नाम पर रोहन गावस्कर (Rohan Gavaskar) रख दिया। बता दें कि इसी वेस्टइंडीज दौरे में गावस्कर ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज किया था। गावस्कर ने बताया कि इन्होंने ही उन्हें डेब्यू सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया था।

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कान में शतक के लिए बोल जाते

एक शो में बात करते हुए सुनील गावस्‍कर ने अपने टेस्ट डेब्यू सीरीज के 49 साल बाद इसका खुलासा किया। उन्होंने बताया कि वह अपने करियर में सिर्फ एक ही बल्‍लेबाज से प्रेरित हुए। उन्होंने बताया कि जब वह 1971 के अपने डेब्यू सीरीज (Debut Test Series) में बल्लेबाजी कर रहे होते थे तो रोहन कन्हाई उनके पास आकर बार-बार कान में बोल बोल जाते। शतक नहीं बनाना है क्या? गावस्कर ने आगे कहा कि इस सीरीज के एक टेस्ट मैच में जब उन्‍होंने एक खराब शॉट खेला तो उस समय रोहन उनके पास आकर कान में बोल गए कि क्‍या वह शतक नहीं बनाना चाहते। गावस्कर ने बताया कि जब भी वह खराब शॉट खेलते ओवर खत्‍म होने के बाद वह अगले ओवर में स्लिप की ओर फील्डिंग करने जाते वक्त बोल जाते थे कि अपना ध्‍यान केंद्रित करो। क्‍या आपको शतक नहीं बनाना है? आखिर आपके साथ समस्या क्‍या है?

विपक्षी खिलाड़ी होने के बावजूद ताने नहीं जड़े

गावस्‍कर ने कहा कि रोहन कन्हाई विपक्षी टीम में थे, मगर इस दौरान एक बार भी उन्हें ताना नहीं मारा। वह उन्हें प्रोत्साहित करते रहे और खराब शॉट न खेलने के लिए चेताते रहे। वह सिर्फ उन्हें शतक जड़ते देखना चाहते थे। बता दें कि पांच टेस्ट की सीरीज में गावस्कर को चार टेस्ट खेलने का मौका मिला था। इस दरमियान उन्होंने एक दोहरा शतक समेत तीन शतक की मदद से कुल 774 रन बनाए थे, जो आज भी भारतीय रिकॉर्ड है।

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गावस्कर का बेटे ने भी किया है टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व

1971 के इस टेस्ट सीरीज के करीब पांच साल बाद 20 फरवरी 1976 को कानपुर में उनके बेटे का जन्म हुआ तो उन्होंने रोहन के सम्मान में अपने बेटे का नाम भी यही रखा। अब बेटे के जन्म के 44 साल बाद गावस्कर ने इसका खुलासा किया है। बता दें कि रोहन गावस्कर भी टीम इंडिया की तरफ से अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। हालांकि वह ज्यादा कामयाब नहीं रहे। रोहन गावस्कर ने 11 वनडे में महज 151 रन बनाए और एक विकेट भी लिया।

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