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अश्विन को अंदर-बाहर किए जाने पर भड़के गावस्कर ने कहा, इससे मनोबल गिरता है

विंडीज दौरे पर रविचंद्रन अश्विन को भारतीय टीम मैनेजमेंट ने अंतिम एकादश में शामिल नहीं किया था। हालांकि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्हें मौका मिला है।

Oct 02, 2019 / 09:08 pm

Mazkoor

विशाखापत्तनम : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर टीम इंडिया में बार-बार बेवजह किए जाने वाले बदलाव से खफा हैं। भारतीय टीम मैनेजमेंट की ओर से अंतिम एकादश से किए जाने छेड़छाड़ पर उन्होंने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि लगातार अच्छा किए जाने वाले खिलाड़ियों को अकारण बाहर नहीं किया जाना चाहिए।

अश्विन के बहाने टीम मैनेजमेंट पर साधा निशाना

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच विशाखापत्‍तनम टेस्‍ट मैच में कमेंट्री के दौरान सुनील गावस्‍कर ने कहा रविचंद्रन अश्विन के बहाने टीम मैनेजमेंट पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर इस असाधारण प्रतिभा वाले खिलाड़ी को अंतिम एकादश में स्‍थायी जगह क्यों नहीं मिल रही। उन्होंने कहा कि मैच चाहे होम ग्राउंड पर हो या फिर विदेशी में अश्विन को एकादश में जरूर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिना कुछ किए ही कोई आईसीसी रैंकिंग में नंबर-1 गेंदबाज नहीं बन सकता। अश्‍विन में ऐसी क्षमता है कि वह दुनिया के किसी भी कोने में विकेट निकाल सकते हैं। टीम मैनेजमेंट को यह समझना होगा और उन्हें अश्विन का समर्थन करना होगा।

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भुवनेश्वर का भी उदाहरण दिया

इतना ही नहीं गावस्‍कर ने इस मौके पर भुवनेश्वर कुमार को भी याद किया। उन्होंने कहा कि उन्हें याद है, जब पिछले साल टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर गई थी तो वहां भुवनेश्‍वर कुमार ने पहले ही टेस्‍ट मैच में काफी विकेट निकाले थे। वह गेंद को अच्‍छे से स्विंग करा पा रहे थे। इसके बावजूद उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। कुछ ऐसा ही टीम इंडिया के ओपनर बल्लेबाज मुरली विजय के साथ भी हुआ।

इस मैच में भारत ने लिए हैं कई नए फैसले

बता दें कि विशाखापत्‍तनम टेस्‍ट के लिए टीम मैनेजमेंट ने बतौर सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा को टीम में जगह दी है। इसके अलावा युवा विकेट कीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को टीम से बाहर कर उनकी जगह वृद्धिमान साहा को अंतिम एकादश में शामिल किया गया है। इसके अलावा विंडीज दौरे में टेस्ट इलेवन से बाहर रखे गए रविचंद्रन अश्विन को टीम में शामिल किया गया है।

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ध्यान रखें कि खिलाड़ियों का मनोबल न गिरे

इस पर टिप्पणी करते हुए गावस्‍कर ने कहा कि उनका मानना है कि टीम का चयन इस तरह किया जाए कि किसी खिलाड़ी का आत्‍मविश्‍वास नीचे न गिरे। उनका मतलब ड्रेसिंग रूम के भीतर संवाद से है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ड्रेसिंग रूम के भीतर संभव है कि ऐसा माहौल हो। इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।

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