इयोन मोर्गनः आयरिस खिलाड़ी से इंग्लिश कप्तान बनने तक की कहानी
नई दिल्ली। क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 ( Cricket World Cup 2019 ) में इयोन मोर्गन ( Ian Morgan ) इंग्लैंड़ की टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। ये इयोन मोर्गन की अच्छी कप्तानी ही है कि जिससे विश्व कप के फाइनल ( World Cup Final ) में पहुंची इंग्लैंड को खिताब का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है। इस विश्व कप में ऐसा मौका भी आया जब इंग्लैंड की टीम सेमीफाइनल की रेस में बने रहने के लिए संघर्ष कर रही थी। ऐसे वक्त में मोर्गन ने हिम्मत नहीं हारी और टीम को अच्छा खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। इसी का परिणाम था कि विश्व कप में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही भारतीय टीम और न्यूजीलैंड को हराकर इंग्लैंड फाइनल में पहुंचा।
पहले आयरलैंड के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में किया डेब्यू ‘मोगी’ के नाम से मशहूर इयोन मोर्गन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आयरलैंड और इंग्लैंड दोनों ही टीमों से खेले हैं। मोर्गन ने अगस्त 2006 में पहले स्कॉटलैंड के खिलाफ आयरलैंड के लिए अपना पहला वनडे खेला। इस मैच में उन्होंने 99 रन की शानदार पारी खेली। लेकिन ये उनका दुर्भाग्य रहा कि वो अपने पहले मैच में शतक नहीं लगा सके। मोर्गन ने 4 फरवरी 2007 को कनाडा के खिलाफ वनडे क्रिकेट में अपना शतक ठोका।
क्रिकेट महाकुंभ के फाइनल मुकाबले में आसमान पर छाए रहेंगे बादल2009 की चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए इंग्लैंड की टीम में चुना गया इंग्लिश लायंस के लिए मोर्गन के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए विश्व टी 20 के लिए उनको इंग्लैंड की टीम में शामिल किया गया। 2009 में दक्षिण अफ्रीका में खेली गई चैंपियंस ट्रॉफी के लिए किन्हीं कारणों से मैट प्रायर टीम में चयन के लिए उपलब्ध नहीं थे। चैम्पियंस ट्रॉफी में मोर्गन ने श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कमश: 60 रन से ज्यादा और 67 रन की उपयोगी पारियां खेलीं। दक्षिण अफ्रीफा के खिलाफ 34 गेंदों में 67 रन पारी के दौरान उन्होंने अफ्रीकी गेंदबाजी की बखिया उधेड़ दी।