scriptस्पिन के जादूगर शेन वॉर्न ने आज ही के दिन 400वां शिकार करते हुए टेस्ट क्रिकेट में रचा था नया इतिहास | spin wizard shane warne created history in test cricket on 25 august 2001 by taking his 400th wicket | Patrika News
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स्पिन के जादूगर शेन वॉर्न ने आज ही के दिन 400वां शिकार करते हुए टेस्ट क्रिकेट में रचा था नया इतिहास

25 अगस्त 2001… वह दिन जब शेन वॉर्न ने अपना 400वां टेस्ट विकेट चटकाया था। तब एशेज सीरीज चल रही थी और यह काफी दिलचस्प विकेट था। वॉर्न का 400वां शिकार अंग्रेज विकेटकीपर एलेक स्टीवर्ट बने थे।

नई दिल्लीAug 25, 2024 / 09:51 am

lokesh verma

shane warne
‘स्पिन के जादूगर’ शेन वॉर्न, क्रिकेट इतिहास में सबसे महान लेग स्पिनरों में से एक, जिन्होंने अपने करियर के दौरान अद्भुत कौशल और असाधारण गेंदबाजी से दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया था। उनका गेंदबाजी करने का अंदाज, उनकी फील्ड पर मौजूदगी और बल्लेबाजों के डिफेंस को घुमाकर रख देने वाला उनकी गेंदों का घुमाव! वॉर्न एक आर्टिस्ट थे और 25 अगस्त वह दिन है जब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट के मंच पर 400वीं बार अपना मैजिक दिखाया था।

25 अगस्त 2001…

25 अगस्त 2001… वह दिन जब शेन वॉर्न ने अपना 400वां टेस्ट विकेट चटकाया था। तब एशेज सीरीज चल रही थी और यह काफी दिलचस्प विकेट था। वॉर्न का 400वां विकेट बने थे अंग्रेज विकेटकीपर एलेक स्टीवर्ट। यह पहले ही उम्मीद की जा रही थी कि स्टीवर्ट ही वॉर्न का 400वां शिकार बनेंगे। वह वॉर्न के पसंदीदा शिकारों में से एक थे। तब तक वॉर्न ने स्टीवर्ट को 11 बार टेस्ट मैचों में आउट किया था।

400 विकेट लेने वाले दुनिया के पहले स्पिनर

वॉर्न 400 विकेट लेने वाले दुनिया के पहले स्पिनर बन गए थे। उस दौर में टेस्ट मैच में 400 विकेटों के क्लब में केवल तेज गेंदबाजों का बोलबाला था जिसमें वॉर्न ने धमाकेदार एंट्री की थी। तब तक केवल कर्टली एम्ब्रोज (405), वसीम अकरम (414), रिचर्ड हैडली (431), कपिल देव (434) और कोर्टनी वॉल्श (519) ही इस क्लब में शामिल थे। बाद में वॉर्न इतना आगे निकले कि उनके रिकॉर्ड को तोड़ना किसी तेज भी तेज गेंदबाज के लिए मुमकिन साबित नहीं हुआ।

वॉर्न के टेस्ट करियर के पहले शिकार बने थे रवि शास्त्री

वॉर्न ने टेस्ट करियर में पहला विकेट भारतीय ऑलराउंडर रवि शास्त्री का लिया था। उनका 100वां विकेट दक्षिण अफ्रीका के ऑलराउंडर ब्रायन मैकमिलन थे। 200वां विकेट श्रीलंका के हशन तिलकरत्ने थे। 300वां विकेट दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर डेव रिचर्डसन थे। इसके बाद वॉर्न ने 400 के बाद 500, 600 और 700 टेस्ट विकेट भी लिए थे। उन्होंने अपने करियर के दौरान 145 टेस्ट मैचों में 25.41 की औसत के साथ 708 विकेट लिए।

बल्लेबाज हमेशा असहाय महसूस करते थे

वॉर्न को इतनी सफलता कैसे मिली? उनका गेंदबाजी करने का अंदाज उन्हें बाकी गेंदबाजों से बिल्कुल अलग बनाता था। “गुगली”, “फ्लिपर”, “टॉप स्पिन”…. उनकी गेंदों में इतनी विविधता थी कि बल्लेबाज हमेशा असहाय महसूस करते थे। बल्लेबाज को समझ में नहीं आता था कि वॉर्न की अगली गेंद किस दिशा में घूमेगी। उनकी गेंदों में फ्लाइट और स्पिन का संयोजन लगभग परफेक्ट होता था।
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माइक गैटिंग को ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ से किया बोल्ड

ऐसे में, शेन वॉर्न सिर्फ एक गेंदबाज नहीं थे। उनका योगदान केवल विकेट लेने तक ही सीमित नहीं था। उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में स्पिन गेंदबाजी के प्रति एक नई सोच को जन्म दिया। जब वह मैदान पर होते थे, दर्शक उनको देखने के लिए स्टेडियम तक आते थे। 4 जून 1993 को अंग्रेज बल्लेबाज माइक गैटिंग को ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ से बोल्ड करने वाले शेन वॉर्न की कलात्मक गेंदबाजी ने कई युवा गेंदबाजों को प्रेरित किया और स्पिन गेंदबाजी की लोकप्रियता बढ़ाई।

52 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

वॉर्न के बाद मुथैया मुरलीधरन, अनिल कुंबले, हरभजन सिंह, रंगाना हेराथ, नाथन लियोन, रविचंद्रन अश्विन जैसे स्पिनर 400 टेस्ट विकेट के क्लब में जा चुके हैं। भारत के कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल जैसे सफल स्पिनर वॉर्न से बहुत ज्यादा प्रभावित हैं। 4 मार्च, 2022 को वॉर्न ने मात्र 52 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया था। तब वह थाईलैंड में छुट्टी पर थे, उनकी आकस्मिक मृत्यु का कारण बाद में ‘कोरोनरी आर्टरी एथेरोस्क्लेरोसिस’ बताया गया था।

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