बता दें कि माइक प्रॉक्टर अपने जमाने के शानदार ऑलराउंडर रहे। फिर रंगभेद के बाद के युग में साउथ अफ्रीका के पहले कोच भी बने। हालांकि बतौर आईसीसी मैच रेफरी उनका कार्यकाल काफी विवादों में रहा। उनके परिवार के मुताबिक, उन्हें नियमित सर्जरी के बाद अस्पताल के आईसीयू में इलाज के दौरान कार्डियक अरेस्ट की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ा।
रेगभेद के चलते सिर्फ चार साल ही चला अंतरराष्ट्रीय करियर
हरफमौला माइक प्रॉक्टर का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर 1967 से 1970 तक चला। इसके बाद साउथ अफ्रीका को रंगभेदी सरकार के चलते विश्व क्रिकेट से बाहर किया गया। बैन से पहले साउथ अफ्रीका ने सात टेस्ट में से छह में जीत दर्ज की थी। ये सभी मुकाबले साउथ अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही खेले थे।
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6 पारियों में लगातार 6 शतक के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की
प्रॉक्टर तेज गेंदबाज ऑलराउंडर थे। उन्होंने 7 टेस्ट में 15.02 रन के औसत से 41 विकेट अपने नाम किए थे। इसके साथ ही वह विस्फोटक बल्लेबाज भी थे। उन्होंने लगातार 6 पारियों में 6 शतक लगाकर विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की थी। जब लोकतंत्र की बहाली के बाद साउथ अफ्रीका टीम की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी हुई तो उन्हें ही कोच बनाया गया। उन्होंने 1992 के वर्ल्ड कप में टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाया था।
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