समितियों में लिए गए फैसले अपमानजनक तरीके से पलट दिए जाते हैं –
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गांगुली ने कहा, ‘‘समितियों में लिए गए फैसले अपमानजनक तरीके से पलट दिए जाते हैं। कोच चयन के मामले में मेरा अनुभव बहुत बुरा रहा। गौरतलब है कि सौरव गांगुली उस सलाहकार समिति का हिस्सा थे जिसने कोच पद के लिए अनिल कुंबले के नाम की सिफारिश की थी जिन्होंने कप्तान विराट कोहली से मतभेदों के कारण अपना पद छोड़ दिया था, कुंबले की जगह रवि शास्त्री ने ली जो कोहली की पसंद थे।
खतरे में है भारतीय क्रिकेट –
इतना ही नहीं गांगुली ने भारतीय क्रिकेट को खतरे में बताया। गांगुली ने कहा “भारतीय क्रिकेट को कुछ बेहतरीन प्रशासकों और महान खिलाड़ियों ने कड़ी मेहनत से खड़ा किया है। वर्तमान में मुझे लगता है कि यह खतरे में है। उम्मीद है कि लोग सुन रहे होंगे। बोर्ड की गतिविधियों से जुड़े मामलों में शामिल रहे मेरे एक दोस्त ने मुझसे पूछा कि उन्हें किसके पास जाना चाहिए। मेरे पास कोई जवाब नहीं था। मुझे यह पूछना पड़ा कि किसी खास संघ से अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए मुझे किसे आमंत्रित करना चाहिए क्योंकि मैं नहीं जानता था कि क्या चल रहा है।’’ ये पहली बार नहीं है जब बीसीसीआई को लेकर गांगुली ने निराशा व्यक्त की हो। वे समय समय पर आवाज़ उठाते रहते हैं।