कोहली को है टेस्ट पसंद
रवि शास्त्री ने कहा कि यह वह समय है, जब कई दिग्गज खिलाड़ी पैसों की बरसात करने वाली अलग-अलग देशों की टी-20 लीग्स में खेलना पसंद करते हैं वहीं विराट कोहली को टेस्ट क्रिकेट से प्यार है। वह कहते हैं कि असल चुनौती टेस्ट में है। उन्होंने कहा कि जब एक कप्तान टेस्ट में बेस्ट बनने की बात करता है तो इसका बहुत बड़ा असर युवाओं पर पड़ता है। सिर्फ भारतीय क्रिकेट पर ही नहीं, बल्कि जब टेस्ट क्रिकेट की बात आती है तो पूरे विश्व पर। उन्होंने कहा कि जब एक बच्चा मैच देख रहा होगा और वह यह देखेगा कि एक सुपर स्टार टेस्ट पसंद करता है तो वह इसका अनुसरण करेगा। बात चाहे भारत की हो या फिर इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, श्रीलंका आदि कहीं की।
शास्त्री ने कहा कि उन्हें और कोहली को बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण देखकर लगा कि वह टेस्ट में शीर्ष टीम बन सकती है। भारत को नए साल में न्यूजीलैंड का दौरा करना है और जसप्रीत बुमराह के नेतृत्व वाले आक्रमण के पास विदेशी किला फतह करने का बड़ा मौका है। शास्त्री से जब पूछा गया कि उन्हें कब यह अहसास हुआ कि यह गेंदबाजी ग्रुप भारत को शीर्ष पायदान पर ले जा सकता है? इस पर कोच ने सकारात्मक जवाब दिया। कोच ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में केपटाउन में खेले गए पहले टेस्ट मैच के बाद टीम की बैठक में के बाद उन्हें लगा कि यह गेंदबाजी आक्रमण सर्वश्रेष्ठ है। इसके बाद आपने देखा कि उन्होंने दूसरी पारी में क्या किया। अगर ये लोग इसी तरह से अपना काम जारी रखते हैं तो यह आक्रमण बेहद शानदार होगा। अच्छी बात यह है कि टीम के गेंदबाज एक इकाई के तौर पर गेंदबाजी करना सीख गए हैं और इसी फर्क आया है।
परिणाम ही तय करता है कि बेहतर कप्तान कौन है
बतौर कप्तान कोहली की निरतंरता पर सवाल उठते रहते हैं। इस पर शास्त्री ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में एक भी परफेक्ट कप्तान नहीं देखा। आप ऐसे कप्तान देखेंगे, जिनके मजबूत और कमजोर पक्ष अलग-अलग होंगे। उनके पास एक जगह मजबूती हो सकती है तो दूसरी जगह वह पिछड़े हो सकते हैं और वहां कोई और बेहतर हो सकता है। इसलिए आपको अंत में परिणाम देखने होते हैं।
टीम इंडिया के मुख्य कोच ने कहा कि विराट ऐसे खिलाड़ियों में से हैं, जो हर दिन खुद में सुधार करते हैं। वह अतुलनीय खिलाड़ी हैं, जो मैदान पर जुनून के साथ उतरते हैं और ऊर्जा लेकर आते हैं। उन्होंने कहा कि और किसी कप्तान को मैदान पर इस तरह की ऊर्जा लाते नहीं देखा। हां, रणनीति के हिसाब से कुछ जगहें ऐसी हैं, जहां समय और अनुभव के साथ वह बेहतर होंगे।
सोशल मीडिया की टिप्पणियों से नहीं पड़ता फर्क
रवि शास्त्री को कई बार सोशल मीडिया पर प्रशंसकों के गुस्से का शिकार होना पड़ा है। इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि यह भारतीय क्रिकेट का हिस्सा है। इसमें कुछ नया नहीं है। 2014 में जब उन्होंने पहली बार यह पद संभाला था, तब से लेकर अब तक वह यह देख रहे हैं। कुछ भी नहीं बदला है। यह इस देश का क्रिकेट के प्रति प्यार है। वह चाहते हैं कि टीम हर दिन अच्छा करे।