शहादत ने इसी वर्ष फरवरी महीने में बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड से उन पर लगे बैन को कम करने की मांग की थी, जिससे कि वह अपनी मां के इलाज का खर्च उठा सकें। वहीं बोर्ड के क्रिकेट ऑपरेशंस के चेयरमैन अकरम खान ने पिछले दिनों कहा था कि शहादत बहुत परेशानी में है। उनकी मां का कैंसर है और वह अभी क्रिकेट भी नहीं खेल रहा है। इसी वजह से अनुशासन समिति से अनुरोध किया है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई थी कि इसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।
वहीं मार्च में शहादत हुसैन ने जिस वजह से उन पर बैन लगाया था उसको लेकर माफी मांग ली थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि वह आगे इस तरह की गलती कभी नहीं करेंगे। 34 वर्षीय इस खिलाड़ी ने कहा था कि उनकी मां कैंसर से पीड़ित हैं और वह उनकी मदद कर सकें इसके लिए वह क्रिकेट में वापसी करना चाहते हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट खेल चुके शहादत को मई 2015 के बाद से नेशनल टीम में खेलने मौका नहीं मिला।
नवंबर 2019 में एक एनसीएल मैच के दौरान शहादत हुसैन ने टीम के एक साथी अराफात सनी जूनियर को थप्पड़ जड़ दिया था। इसके बाद शहादत को मैच से हटा दिया गया था। साथ ही उन पर एक लाख बांग्लादेशी टका का जुर्माना और पांच साल का बैन लगाया गया। वहीं बात करें शहादत के क्रिकेट कॅरियर तो उन्होंने टीम की ओर से 38 टेस्ट, 51 वनडे और 6 टी20 मैच खेले। इनमें उन्होंने कुल 123 विकेट लिए।