यदि पैरालंपिक की एक महीने पहले समाप्त हुए ओलंपिक खेलों से तुलना की जाए तो जमीन-असमान का अंतर नजर आएगा। पेरिस ओलंपिक खेलों में भारत के 117 एथलीट सिर्फ छह पदक ही जीत सके थे। खास बात यह है कि 117 एथलीटों पर भारत सरकार ने करीब 490 करोड़ रुपए खर्च किए थे।
उम्मीद है, अब सरकार बढ़ाएगी बजट
पेरिस पैरालंपिक खेलों में रजत पदक जीतने वाले शूटर मनीष नरवाल ने कहा कि इस शानदार प्रदर्शन के बाद उम्मीद है कि 2028 पैरालंपिक खेलों से पहले सरकार हमारे लिए बजट में इजाफा करेगी।
पेरिस पैरालंपिक खेलों में रजत पदक जीतने वाले शूटर मनीष नरवाल ने कहा कि इस शानदार प्रदर्शन के बाद उम्मीद है कि 2028 पैरालंपिक खेलों से पहले सरकार हमारे लिए बजट में इजाफा करेगी।
कॉरपोरेट भी आगे आएं :
पैरा शूटर मनीष ने कहा, मेरा मानना है कि अब कॉरपोरेट जगत को भी आगे आकर सहयोग करना चाहिए। यदि ऐसा हुआ तो एथलीटों को ट्रेनिंग, उपकरण और विदेश दौरे में आसानी हो जाएगी।
पैरा शूटर मनीष ने कहा, मेरा मानना है कि अब कॉरपोरेट जगत को भी आगे आकर सहयोग करना चाहिए। यदि ऐसा हुआ तो एथलीटों को ट्रेनिंग, उपकरण और विदेश दौरे में आसानी हो जाएगी।
कैसे आया बदलाव
1) टोक्यो ओलंपिक ने बदली तस्वीर
26 : करोड़ रुपए खर्च किए थे 54 पैरा एथलीटों पर
2016 रियो ओलंपिक में भारत ने सिर्फ चार पदक जीते थे। इसके बाद केंद्र सरकार, खेल मंत्रालय और भारतीय ओलंपिक संघ (साई) ने पैरा एथलीटों को वित्तीय मदद मुहैया कराना शुरू किया। इसके तहत, टोक्यो पैरालंपिक में शिरकत करने वाले कुल 54 एथलीटों पर 26 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।
19 पदक जीते : टोक्यो में भारतीय एथलीटों ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए पांच स्वर्ण के साथ 19 पदक जीते थे। भारत ने पहली बार एक संस्करण में पांच से ज्यादा पदक जीते थे।
1) टोक्यो ओलंपिक ने बदली तस्वीर
26 : करोड़ रुपए खर्च किए थे 54 पैरा एथलीटों पर
2016 रियो ओलंपिक में भारत ने सिर्फ चार पदक जीते थे। इसके बाद केंद्र सरकार, खेल मंत्रालय और भारतीय ओलंपिक संघ (साई) ने पैरा एथलीटों को वित्तीय मदद मुहैया कराना शुरू किया। इसके तहत, टोक्यो पैरालंपिक में शिरकत करने वाले कुल 54 एथलीटों पर 26 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।
19 पदक जीते : टोक्यो में भारतीय एथलीटों ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए पांच स्वर्ण के साथ 19 पदक जीते थे। भारत ने पहली बार एक संस्करण में पांच से ज्यादा पदक जीते थे।
2) खेलो इंडिया ने दिए मौके
खेल मंत्रालय ने 2023 में पैरा खेलों इंडिया गेम्स की शुरुआत की। पहला संस्करण दिल्ली में आयोजित हुआ, जिसमें 1400 से ज्यादा पैरा एथलीट ने शिरकत की। 3) वित्तीय सहायता दी गई :
पेरिस में कांस्य पदक जीतने वाली पैरा शूटर मोना अग्रवाल ने कहा कि वह आज जिस मुकाम है, उसका श्रेय पैरा खेलो इंडिया को जाता है। मोना ने कहा, मेरे पास कोई मदद नहीं थी लेकिन पैरा खेलो इंडिया ने मुझे काफी सहारा दिया। मुझे हर महीने 10 हजार रुपए की सहायता भी मिली।
खेल मंत्रालय ने 2023 में पैरा खेलों इंडिया गेम्स की शुरुआत की। पहला संस्करण दिल्ली में आयोजित हुआ, जिसमें 1400 से ज्यादा पैरा एथलीट ने शिरकत की। 3) वित्तीय सहायता दी गई :
पेरिस में कांस्य पदक जीतने वाली पैरा शूटर मोना अग्रवाल ने कहा कि वह आज जिस मुकाम है, उसका श्रेय पैरा खेलो इंडिया को जाता है। मोना ने कहा, मेरे पास कोई मदद नहीं थी लेकिन पैरा खेलो इंडिया ने मुझे काफी सहारा दिया। मुझे हर महीने 10 हजार रुपए की सहायता भी मिली।
2028 पैरालंपिक तक नए लक्ष्य तय किए
1) शीर्ष पांच में जगह बनाने की होगी कोशिश
भारतीय पैरालंपिक कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व पैरा एथलीट देवेंद्र झांझरिया ने कहा कि पिछले कुछ सालों में चीजें काफी तेजी से बदली हैं। अब हमारा लक्ष्य 2028 पैरालंपिक खेलों में पदक तालिका में शीर्ष पांच में जगह बनाने पर होगा।
2) जमीनी स्तर पर प्रतिभाएं तलाशी जाएंगी
देश में पैरालंपिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए अब खेल मंत्रालय और फेडरेशन घरेलू स्तर पर भी प्रतिभाएं तलाशने की योजना बना रहा है। खासतौर पर स्कूल और कॉलेज स्तर पर पैरा एथलीटों को हर संभव मदद मुहैया कराने का योजना है।