भारतीय टीम मैनेजमेंट ने उन्हें इस रणजी ट्रॉफी में ज्यादा से ज्यादा मुक़ाबले खेलने की सलाह दी है। ताकि उन्हें ‘रेड बॉल’ क्रिकेट में भी मौका दिया जा सकते। सैमसन ने कहा, ‘मेरा मानना है कि मेरे पास लाल गेंद के क्रिकेट में सफल होने का कौशल है और मैं सिर्फ सफेद गेंद तक ही सीमित नहीं रहना चाहता। मेरी इच्छा भारत के लिए टेस्ट खेलने की है। दलीप ट्रॉफी से पहले, नेतृत्व समूह ने मुझे बताया कि वे टेस्ट क्रिकेट के लिए मुझे चुनने पर विचार कर रहे थे और मुझे इसे गंभीरता से लेने और अधिक रणजी ट्रॉफी मैच खेलने के लिए कहा।’
यही नहीं उन्होंने हाल ही में संपन्न हुए बांग्लादेश सीरीज को भी लेकर बड़ा बयान दिया है. सैमसन ने कहा, ”बांग्लादेश के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए मैंने कड़ी मेहनत की थी। मैंने आरआर अकादमी में राहुल द्रविड़ और जुबिन भरूचा के साथ क्रिकेट की बारीकियों पर काम किया। दलीप ट्रॉफी टूर्नामेंट में मैं शतक लगाने में कामयाब हुआ था, जिसके बाद मुझे काफी आत्मविश्वास प्राप्त हुआ है। वह खास शतक भारत के कुछ बेहतरीन गेंदबाजों के खिलाफ निकला था।”
सैमसन रणजी ट्रॉफी में 18 अक्टूबर से कर्नाटक के खिलाफ केरल के लिए खेलते नजर आएंगे। उन्होंने अपने करियर में 64 फ़र्स्ट क्लास मैच खेले हैं और 38.96 के औसत से 3819 रन बनाए हैं।