सचिन की पहली कार
सचिन के पास कारों की कोई कमी नहीं है। उनके पास कई लग्जरी और महंगी कारें हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि सचिन ने पहली कार कौन-सी खरीदी थी। सचिन ने सबसे पहले एक सेकेंड हैंड मारुति 800 कार खरीदी थी। साल 1990 में जब सचिन इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज खेलने गए थे। वहां उन्होंने अपने टेस्ट कॅरियर का पहला शतक लगाया था। इंग्लैंड के दौरे से लौटते ही सचिन ने सेकंेंड हैंड मारुति 800 कार खरीदी थी। हालांकि उनके पास उस वक्त ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था।
सचिन के पास कारों की कोई कमी नहीं है। उनके पास कई लग्जरी और महंगी कारें हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि सचिन ने पहली कार कौन-सी खरीदी थी। सचिन ने सबसे पहले एक सेकेंड हैंड मारुति 800 कार खरीदी थी। साल 1990 में जब सचिन इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज खेलने गए थे। वहां उन्होंने अपने टेस्ट कॅरियर का पहला शतक लगाया था। इंग्लैंड के दौरे से लौटते ही सचिन ने सेकंेंड हैंड मारुति 800 कार खरीदी थी। हालांकि उनके पास उस वक्त ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था।
पाकिस्तान के लिए की फील्डिंग
आपको जानकर हैरानी होगी कि सचिन तेंदुलकर पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए फील्डिंग कर चुके हैं। जब सचि 13 साल के थे तो जनवरी 9187 में पाकिस्तानी टीम भारत दौरे पर आई हुई थी। उस वक्त पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान इमरान खान थे। भारत-पाकिस्तान के बीच टेस्ट सीरीज खेली जानी थी। इसके साथ ही मुंबई के क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया की गोल्डन जुबली भी थी। ऐसे में भारत और पाकिस्तान के बीच ब्रेबॉन स्टेडियम में एक प्रदर्शनी मैच रखा गया। इस प्रदर्षनी मैच के दौरान पाकिस्तान के जावेद मियांदाद और अब्दुल कादिर लंच के लिए पवेलियन लौट गए। ऐसे में पाकिस्तान की टीम में खिलाड़ी कम पड़ गए। सचिन उस मैच के दौरान बाउंड्री के बाहर बैठे थे। उन्हें उस मैच में फील्डिंग करने का मौका मिला था।
आपको जानकर हैरानी होगी कि सचिन तेंदुलकर पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए फील्डिंग कर चुके हैं। जब सचि 13 साल के थे तो जनवरी 9187 में पाकिस्तानी टीम भारत दौरे पर आई हुई थी। उस वक्त पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान इमरान खान थे। भारत-पाकिस्तान के बीच टेस्ट सीरीज खेली जानी थी। इसके साथ ही मुंबई के क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया की गोल्डन जुबली भी थी। ऐसे में भारत और पाकिस्तान के बीच ब्रेबॉन स्टेडियम में एक प्रदर्शनी मैच रखा गया। इस प्रदर्षनी मैच के दौरान पाकिस्तान के जावेद मियांदाद और अब्दुल कादिर लंच के लिए पवेलियन लौट गए। ऐसे में पाकिस्तान की टीम में खिलाड़ी कम पड़ गए। सचिन उस मैच के दौरान बाउंड्री के बाहर बैठे थे। उन्हें उस मैच में फील्डिंग करने का मौका मिला था।
यह भी पढ़ें – सचिन तेंदुलकर ने 15 साल की उम्र में बनाया था अपना पहला CV, जानिए सीवी की दिलचस्प बातें टेनिस प्लेयर बनना चाहते थे
सचिन तेंदुलकर पहले क्रिकेटर नहीं बल्कि एक टेनिस प्लेयर बनना चाहते थे। सचिन शुरूआती दिनों में टेनिस प्लेयर जॉन मैकनरो के जबदरस्त फैन थे और उन्हे क्रिकेट से ज्यादा दिलचस्पी टेनिस में थी। बाद में उनका झुकाव क्रिकेट की तरफ हो गया। वे क्रिकेट में आने के बाद गेंदबाज बनना चाहते थे, लेकिन उनकी हाइट को देखते हुए मेंटर डेनिस लिली ने उन्हें बल्लेबाजी करने की सलाह दी।
सचिन तेंदुलकर पहले क्रिकेटर नहीं बल्कि एक टेनिस प्लेयर बनना चाहते थे। सचिन शुरूआती दिनों में टेनिस प्लेयर जॉन मैकनरो के जबदरस्त फैन थे और उन्हे क्रिकेट से ज्यादा दिलचस्पी टेनिस में थी। बाद में उनका झुकाव क्रिकेट की तरफ हो गया। वे क्रिकेट में आने के बाद गेंदबाज बनना चाहते थे, लेकिन उनकी हाइट को देखते हुए मेंटर डेनिस लिली ने उन्हें बल्लेबाजी करने की सलाह दी।
पहली बार गलती से छपा नाम
एक रिपोर्ट के अनुसार, सचिन का नाम पहली बार अखबार में स्कोरर की गलती से छपा था। साल 1987 में अखबारों में मुंबई में लोकल मैचों के लिए एक नियम बना रखा था कि वे उस क्रिकेेटर का नाम अखबार में छापेंगे, जिन्होंने मैच में कम से कम 30 रन बनाए हों। सचिन ने एक स्थानीय मैच में नाबाद 24 रन बनाए थे। उनकी टीम ने मैच जीता था। इस मैच में टीम को अतिरिक्त रन के रूप में वाइड, लेग बाई और नो बाल के रूप में भी काफी रन मिले थे। ऐसे में स्कोरर ने एक्स्ट्रा रनों में से 6 रन सचिन के खाते में डाल दिए थे। जब पहली जब सचिन ने अपना नाम अखबार में देखा तो वे बहुत खुष हुए थे।
एक रिपोर्ट के अनुसार, सचिन का नाम पहली बार अखबार में स्कोरर की गलती से छपा था। साल 1987 में अखबारों में मुंबई में लोकल मैचों के लिए एक नियम बना रखा था कि वे उस क्रिकेेटर का नाम अखबार में छापेंगे, जिन्होंने मैच में कम से कम 30 रन बनाए हों। सचिन ने एक स्थानीय मैच में नाबाद 24 रन बनाए थे। उनकी टीम ने मैच जीता था। इस मैच में टीम को अतिरिक्त रन के रूप में वाइड, लेग बाई और नो बाल के रूप में भी काफी रन मिले थे। ऐसे में स्कोरर ने एक्स्ट्रा रनों में से 6 रन सचिन के खाते में डाल दिए थे। जब पहली जब सचिन ने अपना नाम अखबार में देखा तो वे बहुत खुष हुए थे।
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सचिन का बचपन बांद्रा की साहित्य सहवास कॉलोनी में बीता है। यहां उनके बचपन के दोस्त रहते हैं। सचिन आज भी अपने बचपन के दोस्तों के संपर्क में हैं। साहित्य सहवास कॉलोनी का मकान आज भी सचिन के पास ही हैं। सचिन आज भी यहां कई कार्यक्रमों में जाते हैं। इसके साथ ही बचपन के दोस्त आज भी उनके संपर्क में रहते हैं। सचिन की पत्नी अंजली भी साहित्य सहवास में होने वाले सभी कार्यक्रमों में शरीक होती है। सचिन की बेटी सारा का पहला बर्थडे भी इसी कॉलोनी में मनाया गया था।
सचिन का बचपन बांद्रा की साहित्य सहवास कॉलोनी में बीता है। यहां उनके बचपन के दोस्त रहते हैं। सचिन आज भी अपने बचपन के दोस्तों के संपर्क में हैं। साहित्य सहवास कॉलोनी का मकान आज भी सचिन के पास ही हैं। सचिन आज भी यहां कई कार्यक्रमों में जाते हैं। इसके साथ ही बचपन के दोस्त आज भी उनके संपर्क में रहते हैं। सचिन की पत्नी अंजली भी साहित्य सहवास में होने वाले सभी कार्यक्रमों में शरीक होती है। सचिन की बेटी सारा का पहला बर्थडे भी इसी कॉलोनी में मनाया गया था।
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