जडेजा ने कहा कि हमारे पहली पारी में 33 पर तीन विकेट गिर गए थे। जब मैं आया तो मैंने रोहित के साथ साझेदारी बढ़ाने की सोची। यह मुश्किल स्थिति थी, मैं बस अपनी ताकत पर विश्वास कर रहा था और अपने शॉट खेल रहा था। इस मैच में शतक के साथ कुल सात विकेट लेने वाले जडेजा ने कहा कि इस विकेट के बारे में मैं जानता हूं, जब पहले बल्लेबाजी होती है तो गेंद अच्छे से बल्ले पर आती है, लेकिन बाद में गेंद टर्न लेती है। जब रोहित ने टॉस जीता तो मुझे बहुत अच्छा लगा।
‘बस सेट होने की कोशिश कर रहा था’
वहीं, दूसरी पारी में नाबाद दोहरा शतक जड़ने वाले यशस्वी जायसवाल ने कहा कि मैं बस कोशिश कर रहा था कि सेट होकर बड़ा स्कोर बनाऊं। यह मेरे लिए काफी मुश्किल था, क्योंकि शुरुआत में मैं रन नहीं बना पा रहा था। इसलिए सेशन खेलना पड़ा और सेट होना पड़ा। तभी मुझे लगा कि मैं रन बना सकता हूं। थोड़ी देर बाद मेरी पीठ में दर्द हो गया। मैं बाहर जाना नहीं चाहता था, लेकिन दर्द बहुत ज्यादा था।
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‘अंत तक बल्लेबाजी करना चाहता था’
जायसवाल ने कहा कि जब मैं फिर से खेलने उतरा तो यही चाहता था कि मैं अंत तक बल्लेबाजी करूं। मेरे सीनियर्स ने इस बारे में मुझे समझाया है। जिस तरह से रोहित भाई और जड्डू भाई ने खेला, उसने मुझे बहुत प्रेरित किया। उनके जुनून ने मुझे सत्र दर सत्र खेलने के लिए प्रेरित किया। मैंने डगआउट के अंदर सोचा कि मैं कब जाऊंगा वहां मुझे भी इस तरह खेलना है, लेकिन मैंने सोचा कि जब मैं वहां हूं तो मुझे अपना 100 प्रतिशत देना होगा।
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