टीम इंडिया के दिग्गज स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन टेस्ट क्रिकेट के बेहतरीन गेंदबाज हैं। टेस्ट क्रिकेट में उनकी गिनती दुनिया के सबसे बेहतरीन गेंदबाजों में होती है, लेकिन सीमित ओवर क्रिकेट में उनका कॅरियर लगभग खत्म सा हो गया है। अश्विन ने आखिरी बार सीमित ओवर मैच 2017 में खेला था। कोहली की कप्तानी में अश्विन को सीमित ओवर क्रिकेट में मौके नहीं मिल रहे हैं। टीम में जिस तरह हर एक जगह को लेकर खिलाड़ियों के बीच टक्कर है उससे ऐसा लगता नहीं कि अश्विन को दोबारा सीमित ओवर क्रिकेट में देखा जाएगा।
रविचंद्रन अश्विन का कॅरियर बनाने में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी का बड़ा हाथ रहा है। धोनी ने आइपीएल में अश्विन को अपनी टीम चेन्नई सुपर किंग्स में कई मौके दिए। इसके बाद टीम इंडिया में भी उनकी एंट्री कराई। धोनी ने अपनी कप्तानी में अश्विन को कई वनडे मैच खेलने के मौके दिए। वहीं अश्विन ने भी धोनी की कप्तानी में हर एक फॉर्मेट में बेहतरीन प्रदर्शन किया। धोनी की अगुवाई में अश्विन ने कुल 78 वनडे मैच खेले। इनमें अश्विन ने 105 विकेट लिए। वहीं 42 टी-20 मैचों में उन्होंने 49 विकेट झटके थे। वहीं कोहली की कप्तानी में अश्विन को सीमित ओवर क्रिकेट में ज्यादा मौके नहीं मिले।
टेस्ट क्रिकेट में तो रविचंद्रन अश्विन को कप्तान विराट कोहली ने कई मौके दिए हैं। टेस्ट क्रिकेट में अश्विन ने टीम इंडिया को बड़े-बड़े मैचों में जीत भी दिलाई है। वहीं वनडे और टी20 क्रिकेट में कोहली, अश्विन को अपनी टीम में जगह देना पसंद नहीं करते। वनडे और टी20 में कोहली, अश्विन की जगह युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव को टीम में रखना पसंद करते हैं।