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रणजी ट्रॉफी : पहले कभी नहीं देखा ऐसा हरफनमौला, संजय ने लिए 9 मैचों में 55 विकेट, बनाए 603 रन

Sanjay Yadav ने रणजी ट्रॉफी में इतिहास रच दिया। उन्होंने महज नौ विकेट में 50 से अधिक विकेट और 600 से ज्यादा रन बनाए हैं।

Feb 16, 2020 / 05:20 pm

Mazkoor

Sanjay Yadav

नई दिल्ली : टीम इंडिया जाने का रास्ता आज भी रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) से निकलता है। यह वह प्लेटफॉर्म है, जो युवा प्रतिभाओं को मांज कर टीम इंडिया के लिए तैयार करती हैं। हर साल रणजी ट्रॉफी कुछ ऐसी युवा प्रतिभा सामने लाती है, जो भविष्य में चलकर टीम इंडिया का सितारा बनता है। इस साल रणजी में पूर्वोत्तर के एक हरफनमौला ने ग्रुप चरण में ऐसा प्रदर्शन किया है, जिसे जानकर आप चमत्कृत हो जाएंगे, जबकि पूर्वोत्तर की टीमों ने हाल ही में रणजी ट्रॉफी खेलना शुरू किया है। इस हरफनमौला का नाम है- संजय यादव (Sanjay Yadav)। इस खिलाड़ी ने साल 2019-20 के सत्र में महज नौ मैचों में 50 विकेट लिए हैं और 600 से ज्यादा रन बनाए हैं। इनके इस प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें भविष्य का सितारा माना जा रहा है।

रणजी में संजय ने रचा इतिहास

लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स स्पिनर और बल्लेबाज संजय यादव ने मेघालय के तरफ से खेलते हुए इस सीजन में ग्रुप चरण के कुल नौ मैच खेले हैं और उन्होंने 46.38 की शानदार औसत से 603 रन बनाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने 55 विकेट भी हासिल कर रणजी क्रिकेट में इतिहास रच दिया है।

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सुनील जोशी को पीछे छोड़ा

बता दें कि रणजी ट्रॉफी में कोई भी क्रिकेटर एक सीजन में 600 रन और 50 से ज्यादा विकेट नहीं ले पाया है। 1995-96 में कर्नाटक के सुनील जोशी जरूर पांच सौ से ज्यादा रन बनाए थे और 50 से अधिक विकेट लिए थे। जोशी ने 529 रन बनाने के साथ 52 विकेट अपने नाम किये थे। अब इस लिस्ट में सबसे ऊपर संजय यादव का नाम आ गया है। बता दें कि सुनील जोशी के इस प्रदर्शन के बाद अगले ही साल उन्हें भारत के टेस्ट और वनडे टीम में जगह मिल गई थी।

इसी साल डेब्यू करने वाले संजय ने किया शानदार प्रदर्शन

संजय यादव ने इसी साल न सिर्फ रणजी ट्रॉफी में, बल्कि प्रथम श्रेणी के मैच में भी पदार्पण किया है। गोरखपुर में जन्मे संजय यादव पहले तमिलनाडु में क्लब क्रिकेट खेलते थे, लेकिन जब उन्हें वहां की राज्य टीम में मौका नहीं मिला तो वह मेघालय चले गए। संजय यादव ने इसी सीजन में नगालैंड के खिलाफ डेब्यू किया। अपने पहले ही मैच में उन्होंने एक पारी में नौ विकेट लेने के साथ कुल 13 विकेट लिए। इसके बाद अगले दो मैचों में संजय यादव गेंदबाजी में ज्यादा कामयाब नहीं रहे। उनके हाथ महज तीन विकेट लगे, लेकिन चौथे मैच में पुड्डुचेरी के खिलाफ एक मैच में 10 विकेट लेने का कारनामा किया। मणिपुर के खिलाफ एक बार फिर 11 विकेट लिए। सिक्किम के खिलाफ पांच विकेट लिये तो अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ एक बार फिर सात विकेट लिए। इस तरह देखते ही देखते ग्रुप स्टेज खत्म होने तक उनकी झोली में 55 विकेट समा गए।

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बल्लेबाजी में भी दिखाया दम

संजय यादव ने सिर्फ गेंदबाजी में, बल्कि बल्लेबाजी में भी अपना दम दिखाया। मिजोरम के खिलाफ तूफानी बल्लेबाजी करते हुए महज 228 गेंदों में 254 रन ठोक दिये। इस पारी में उन्होंने 23 चौके और 13 छक्के जड़े। बिहार के खिलाफ उन्होंने बल्ले से एक बार फिर दम दिखाया और 52 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली। सिक्किम के खिलाफ संजय यादव ने 40 रन की पारी खेली। इसके अलावा भी अन्य टीमों के खिलाफ कई अहम पारियां खेलकर ग्रुप चरण उन्होंने 603 रनों के साथ समाप्त किया।

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