लेकिन टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ का कुछ और की मानना है। द्रविड़ को कोहली से शतक की उम्मीद नहीं है। आलोचकों को करारा जवाब देते हुए द्रविड़ ने कहा कि यहां लोग शतक को ही सफलता मानते हैं। जो बिलकुल गलत है। द्रविड़ ने कहा, ‘विराट सबसे ज्यादा मेहनती व्यक्ति हैं। वे नेट्स में बहुत मेहनत करते हैं। प्रैक्टिस मैच में उन्होंने जिस तरह से बल्लेबाजी कि थी। वही कबीले तारीफ थी। उन्होंने हर बॉक्स पर राइट का टिक लगा रहे थे। ‘
द वाल ने कहा, ‘हर खिलाड़ी अपने करियर में इस तरह के दौर से गुजरता है। विराट कोहली भी इससे गुजर रहा है। यह समय शतक पर फोकस करने का नहीं है। लोग शतक को ही सफलता के तौर पर देखते हैं, लेकिन हम जीत में भागीदारी चाहते हैं। विराट कोहली ड्रेसिंग रूम में होता है, तो कई लोगों को प्रैरित करता है।’
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भारतीय कोच ने आगे कहा, ”खिलाड़ी अपने करियर में अलग-अलग दौर से गुजरते हैं और मुझे नहीं लगता कि विराट में प्रेरणा या ललक की कमी है। कोहली जैसे बल्लेबाज को एक पारी की जरूरत होती है अपने खोए हुए लय को हासिल करने के लिए।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमेशा जोर शतक पर नहीं रहना चाहिये। केपटाउन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ कठिन हालात में बनाये गए 79 रन भी उम्दा थे। वह तिहरे अंक तक नहीं पहुंचे लेकिन वह बढ़िया पारी थी। उसने इतने ऊंचे मानदंड बनाये हैं कि लोग शतक को ही कामयाबी मानते हैं लेकिन एक कोच के नजरिये से मैं उससे मैच जिताने वाला योगदान चाहता हूं, भले ही वह 50 या 60 रन क्यों ना हो।’
बता दें विराट ने आखिरी बार नवंबर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता में खेले गए डे-नाइट टेस्ट में शतक लगाया था। उसके बाद से वे अपने 71वे शतक का इंतजार कर रहे हैं।