बता दें कि इस साल से पहले तक कोई स्थानापन्न खिलाड़ी क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में बल्लेबाजी, गेंदबाजी नहीं कर सकता था तो 2017 से पहले तक कोई स्थानापन्न क्षेत्ररक्षक विकेटकीपिंग नहीं कर सकता था। उसे सिर्फ क्षेत्ररक्षण करने का अधिकार था। लेकिन आईसीसी ने 2017 में नियम बदलकर स्थानापन्न क्षेत्ररक्षक को विकेटकीपिंग करने की इजाजत दे दी थी और 2019 में टेस्ट क्रिकेट में किसी खिलाड़ी के चोटिल होकर बाहर हो जाने पर स्थानापन्न खिलाड़ी को बल्लेबाजी और गेंदबाजी करने की अनुमति दे दी है। इसके बाद यह पहली घटना है कि एक ही टेस्ट में किसी स्थानापन्न बल्लेबाज ने बल्लेबाजी की हो और स्थानापन्न क्षेत्ररक्षक ने विकेटकीपिंग।
साहा की अंगुली में है चोट
टीम इंडिया के मीडिया विभाग ने जानकारी दी गई कि विकेटकीपर वृद्धिमान साहा की दाएं हाथ की अनामिका अंगुली में चोट लगी है। इस वह पारी के 27वें ओवर में ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की गेंद पर चोटिल हो गए। इसके बाद टीम मैनेजमेंट ने उनके स्थानापन्न के तौर पर पंत को बतौर विकेटकीपर फील्ड में उतारा। अब कल सुबह उनकी चोट की स्थिति कैसी रहती है, इसका आकलन किया जाएगा।
रांची में खेल खत्म होने से पहले स्थानापन्न क्षेत्ररक्षक के रूप में विकेटकीपिंग संभालने वाले ऋषभ पंत दूसरे भारतीय विकेटकीपर बनें। इससे पहले 2018 जनवरी में दक्षिण अफ्रीका के ही खिलाफ दिनेश कार्तिक ने जोहॉन्सबर्ग टेस्ट में स्थानापन्न विकेटकीपर के तौर पर विकेट के पीछे की जिम्मेदारी संभाली थी। 2018 के दक्षिण अफ्रीका के अंतिम टेस्ट मैच में एकादश में शामिल विकेटकीपर पार्थिव पटेल चोटिल हो गए थे।