युवा खिलाड़ियों की जगह नहीं खाना चाहते कुमार-
कुमार ने अंग्रेजी अखबार से बातचीत करते हुए बताया कि “मुझे किसी भी तरह का कोई भी मलाल नहीं हैं। दिल से खेला, दिल से बॉलिंग की। यूपी से इस समय कई प्रतिभाशाली तेज गेंदबाज आ रहे है और मैं नहीं चाहता हूं कि मेरी वजह से उनके करियर पर असर पड़ें। अगर मैं खेलूंगा तो टीम से एक खिलाड़ी जाएगा। ये जरूरी है आप भविष्य के खिलाड़ियों को लेकर सोचे और उन्हें मौका दे। मुझे पता है मेरा समय खत्म हो गया है और मुझे ये मानना पड़ेगा। मैं खुश हूं और मैं भगवान का धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे मौका दिया।”
गेंदबाजी कोच बनाना चाहते हैं कुमार-
भविष्य को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं भविष्य में गेंदबाज़ी कोच बनाना चाहता हूं। लोगों को पता है कि मेरे पास इसके लिए अनुभव है, ये केवल जगह है जहां पर मैं दिल से काम कर सकता हूं, मैं अपने अनुभव को युवा खिलाड़ियों के साथ बांटना चाहता हूं।
प्रवीण कुमार का करियर-
प्रवीण ने अपना पहला फर्स्ट क्लास मैच हरियाणा के खिलाफ नवंबर 2005 में खेला था। अगले दो सालों में वह भारतीय वनडे टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे। उन्होंने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच पाकिस्तान के खिलाफ नवंबर 2007 में खेला था। प्रवीण ने 68 ODI मुकाबलों में भारत के लिए 36.02 की औसत से 77 विकेट झटके हैं। इसके साथ ही वह 10 T20 और 6 टेस्ट मुकाबले भी खेले हैं।