लॉर्ड्स में भारतीय टीम को 11वें प्रयास में जीत मिली थी। इसके बाद लॉर्ड्स में भारत ने अपनी दूसरी जीत महेन्द्र सिंह धोनी की कप्तानी में जुलाई 2014 में दर्ज की। वहीं बात करें 1986 के मैच की तो इसमें टीम इंडिया के कप्तान कपिल देव ने टॉस जीता और पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 294 रन बनाए। इसमें ग्राहम गूच ने 114 रन की पारी खेली थी। वहीं भारत की ओर से चेतन शर्मा और रोजर बिनी ने बेहतरीन गेंदबाजी की। चेतन शर्मा ने पांच विकेट लिए तो रोजर ने 3 विकेट।
इस मैच में टीम इंडिया के बल्लेबाज दिलीप वेंगसरकर ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 126 रन बनाए। इसके अलावा मोहिंदर अमरनाथ ने 69 रनों की पारी खेली। इस मैच में शतक के साथ वेंगसरकर लॉर्ड्स में लगातार तीन टेस्ट मैचों में शतक जमाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए थे। इस मैच के असली हीरो दिलीप वेंगसरकर ही रहे। पहली पारी में भारत ने इंग्लैंड पर 47 रनों की बढ़त बना ली थी।
वहीं दूसरी पारी में इंग्लैंड की टीम मात्र 180 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में कप्तान कपिल देव ने 4 विकेट लिए और मनिंदर सिंह ने 3 विकेट चटकाए थे। वहीं जीत के लिए 134 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया ने 110 रन पर 5 विकेेट गंवा दिए थे। इसके बाद कपिल देव बैटिंग करने आए। कपिल देव ने आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए मात्र 10 बॉल पर 23 रन बना दिए। उन्होंने फिल एडमंड्स की गेंद पर सिक्स लगाते हुए टीम इंडिया को जीत दिलाई। इसमें कपिल देव को मैन ऑफ द मैच चुना गया।
भारत को लॉर्ड्स में जीत 5 साल बाद मिली। भारत का टेस्ट मैच सफर लॉर्ड्स से ही शुरू हुआ था। भारत ने लॉर्ड्स में पहला टेस्ट मैच 1932 में खेला था, जिसमें 158 रनों से हार मिली थी। भारत को लॉर्ड्स में 1932 से 1967 तक लगातार 6 टेस्ट में हार मिली। वर्ष 1971 में पहली बार भारत मैच ड्रॉ कराने में सफल रहा था। वर्ष 1974 में भारत ने फिर से यहां टेस्ट मैच खेला, लेकिन इसमें भी हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 1979 में मैच ड्रॉ रहा और वर्ष 1982 में हार मिली। इसके बाद वर्ष 1986 में भारत ने लॉर्ड्स में पहली जीत हासिल की। भारत ने लॉर्ड्स में अब तक कुल 18 टेस्ट मैच खेले हैं, उनमें से सिर्फ 2 में ही जीत हासिल की।