प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई अवसरों पर 2036 ओलंपिक और पैरालिंपिक खेलों की मेजबानी में भारत की रुचि व्यक्त की है। स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर पेरिस ओलंपिक के खिलाड़ियों से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे 2036 में होने वाले इस भव्य आयोजन की तैयारियों के लिए अपने सुझाव देने को कहा था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, “भारत 2036 ओलंपिक की मेजबानी की तैयारी कर रहा है। इस संबंध में, पिछले ओलंपिक में खेल चुके खिलाड़ियों से मिले सुझाव बहुत महत्वपूर्ण हैं। आप सभी ने कई चीजों को देखा और अनुभव किया होगा। हम इसे दस्तावेज में दर्ज करना चाहते हैं और सरकार के साथ साझा करना चाहते हैं, ताकि 2036 की तैयारी में हम कोई छोटी-मोटी जानकारी न चूकें।”
पिछले साल मुंबई में आयोजित 141वें आईओसी सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी में भारत की रुचि की पुष्टि की थी और दावा किया था कि 140 करोड़ भारतीय इन खेलों के आयोजन के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा था, “हम वर्ष 2036 में भारतीय धरती पर ओलंपिक आयोजित करने के अपने प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। यह 140 करोड़ भारतीयों का सदियों पुराना सपना और आकांक्षा है। इस सपने को आपके सहयोग और समर्थन से साकार करना है।”
इन 10 देशों ने जताई है इच्छा
आईओसी के अध्यक्ष थॉमस बाक ने भी भारत के मामले का समर्थन करते हुए दावा किया था कि भारत के लिए ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने का “मजबूत मामला” है। भारत उन 10 देशों में शामिल है, जिन्होंने 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी में रुचि दिखाई है। नवंबर 2022 में, आईओसी ने भारत सहित उन देशों के साथ चर्चा शुरू की, जिन्होंने रुचि दिखाई है। 2036 खेलों की मेजबानी में शुरुआती रुचि दिखाने वाले 10 देशों में मेक्सिको (मेक्सिको सिटी, ग्वाडलजारा-मॉन्टेरी-तिजुआना), इंडोनेशिया (नुसंतारा), तुर्की (इस्तांबुल), भारत (अहमदाबाद), पोलैंड (वारसॉ, क्राको), मिस्र (नई प्रशासनिक राजधानी) और दक्षिण कोरिया (सोल-इंचियोन) शामिल हैं। ओलंपिक के लिए मेजबानी के अधिकार का आवंटन अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) द्वारा एक विस्तृत मेजबान चयन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। आईओसी के पास एक समर्पित निकाय है, जिसे फ्यूचर होस्ट कमीशन कहा जाता है, जो इस विषय से निपटता है।